Kanpur: अब मिल्क बूथ और पॉर्लर खोलेगी पराग डेयरी; इकाई को आर्थिक संकट से उबारने के लिए लिया गया फैसला

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Published By Nitesh Mishra
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पीसीडीएफ के निर्देश पर प्रशासनिक दफ्तरों में खुलेंगे पॉर्लर

कानपुर, अमृत विचार। पराग दुग्ध के उत्पाद जल्द ही शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालय परिसरों में मिलेंगे। इन कार्यालयों में पराग मिल्क बूथ व मिल्क पार्लर खुलेंगे। पराग को आर्थिक संकट से उबारने और दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए प्रादेशिक कोआपरेटिव डेरी फेडरेशन लिमिटेड ने शासन से मांग की थी, जिसकी अनुमति मिलने के बाद कानपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने कार्यालयों से पत्राचार शुरू कर दिया है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जगह मिलने के बाद जल्द ही उत्पादों की बिक्री शुरू होगी। 

दुग्ध संघ कानपुर की ओर से अभी ग्रामीण अंचलों में दुग्ध समितियों का गठन कर दुग्ध का संकलन किया जा रहा है। प्रदेश में दुग्ध सहकारिता से जुड़े कृषकों की ओर से उत्पादिक दूध को पराग ब्रांड नाम से बेचा जाता है। दुग्ध उत्पाद की मार्केटिंग करते हुए पराग को आर्थिक रू से आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी है। इसको लेकर पराग मिल्क बूथ और मिल्क पार्लर के लिये स्थान मांगा गया है, ताकि संकट से जूझ रही पराग डेयरी के ब्रांड की आय बढ़ाई जा सके। 

50 वर्षों से अधिक पुराने साकेत नगर स्थित पराग डेयरी प्लांट में कभी रोजाना 50 हजार लीटर प्रतिदिन दूध का उत्पादन किया जाता था। प्लांट की जर्जर मशीनों के कारण पराग डेयरी में 25 एकड़ की भूमि पर 166 करोड़ की लागत से नए प्लांट का निर्माण कराया गया था। प्लांट के निर्माण का उद्देश्य दूध व अन्य डेयरी उत्पादों को शहर समेत कानपुर देहात, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, फतहेपुर जनपद तक पहुंचाना था। 

वर्ष 2019 में तैयार हुए प्लांट में जापानी तकनीकी की मशीनरी स्थापित की गई थी, जिनसे चार लाख लीटर प्रतिदिन दूध व अन्य डेयरी उत्पादों का उत्पादन किया जा सकता था। आईडीएमसी कंपनी ने प्लांट का ट्रायल भी करा दिया था, लेकिन पिछले 6 वर्षों से प्लांट जस का तस पड़ा हुआ है। डेयरी प्लांट को निजी हाथों में सौंपने का फैसला भी ठप हो चुका है।

दुग्ध संघ ने नगर निगम से मांगी जगह

पराग इकाई के प्रभारी सुनील कुमार ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को पत्र लिखकर मुख्यालय और जोनल कार्यालयों में मिल्क पार्लर के लिए जगह मांगी है। उन्होंने कहा है कि मिल्क बूथ के लिए 10 गुणा 20 वर्ग फीट की जगह आवंटित की जाए, ताकि पराग मिल्क एवं दुग्ध उत्पाद की बिक्री शुरू की जा सके।

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