Kanpur: जाजमऊ का 36 एमएलडी प्लांट दोबारा शुरू; नगर आयुक्त ने किया निरीक्षण, गंदा पानी रोकने के लिए जनरेटर लगाने के निर्देश

कानपुर, अमृत विचार। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने सोमवार को 36 एमएलडी प्लांट को दोबारा शुरू करा दिया। प्लांट का निरीक्षण कर वहां से गंगा नदी में गंदा पानी से जाने से रोकने के लिए एक और जनरेटर लगाने के निर्देश दिए। अन्य दोनों प्लांटों में सारा गंदा पानी शोधित न होते देख 36 एमएलडी प्लांट का उच्चीकरण कराने या नया प्लांट स्थापित करने पर विचार-विमर्श हुआ।
जाजमऊ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थित 130 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) और 43 एमएलडी प्लांट का संचालन जल निगम (ग्रामीण) करता है, जबकि 36 एमएलडी प्लांट का संचालन जल निगम (शहरी) वर्षों से करता रहा है, पर टेनरी बेस्ट के लिए जटेटा का कॉमन क्रोम एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) बनने के बाद बीते महीने 36 एमएलडी प्लांट बंद कर दिया गया। पहले इसी प्लांट में टेनरियों का जहरीला पानी भी शोधित किया जाता था। इस प्लांट के बंद होने से इसका गंदा पानी सीधे गंगा में जाने लगा था।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने जाजमऊ में बने एसटीपी, सीईटीपी प्लांट का भौतिक निरीक्षण किया। जाजमऊ एसटीपी में स्थित सीएसपीएस (कॉमन सीवेज पंपिंग स्टेशन) में गंगा में जाने वाले चोर नाले (बाईपास नाला) भी पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 36 एमएलडी प्लांट को दोबारा शुरू कराया। उन्होंने बताया कि 36 एमएलडी प्लांट 1994 में बना था. जो तकनीकी आयु पूरी कर चुका है और बर्तमान में ईपीए अधिनियम 1956 के मानको के अनुरूप ट्रीटमेंट करने में सक्षम नहीं रह गया है। इसके मद्देनजर 130 एवं 43 एमएलडी में 36 एमएलडी प्लांट का सीवेज ट्रायल के तौर पर 30 अप्रैल को डायवर्ट किया गया था, पर तकनीकी कठिनाईयों के कारण दोनों प्लांट तीसरे प्लाट का गंदा पानी लेने में सक्षम नहीं हैं। इसी वजह से 36 एमएलडी प्लांट को पुनः चालू कराया है।
जल निगम (ग्रामीण), (नगरीय) तथा जलकल विभाग के अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि किसी प्रकार का दूषित पानी गंगा में न जाने पाये। निरीक्षण में जल निगम (नगरीय) के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र सिंह, जल निगम (ग्रामीण) के अधीक्षण अभियंता मुकेश कुमार सिंह, जलकल विभाग जीन-2 के अधिना गी अभियंता जेपी गुप्ता, जल निगम (ग्रामीण) के अधिशासी अभियंता मोहित चक जल निगम (शहरी) के अधिशासी अभियंता विशाल सिंह, नगर निगम के प्रभारी अधिका (पर्यावरण) दिवाकर भास्कर आदि शामिल रहे।