कानपुर में अमृत विचार ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार से की खास बातचीत, बोले- 100 फीसदी घरों से उठेगा कूड़ा, ड्रेनेज व्यवस्था सुधरेगी

सीवर और वाटर ड्रेनेज सिस्टम अलग करने के लिये करा रहे हैं नाले-नालियों का सर्वे

कानपुर में अमृत विचार ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार से की खास बातचीत, बोले- 100 फीसदी घरों से उठेगा कूड़ा, ड्रेनेज व्यवस्था सुधरेगी

कानपुर, अमृत विचार। शहर में पुरानी हो चुकी ड्रेनेज व्यवस्था को सुधारना है। इसके लिये सीवर व बरसात के पानी के लिये अलग-अलग पाइप लाइन होनी जरूरी है, जिनका बहाव सही दिशा में हो। सीवर और वाटर ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने को मास्टर ड्रेनेज प्लान बना रहे हैं। नेशनल रिमोट सेंसिग सेंटर (इसरो) की मदद से शहर में नालों-नालियों की मैपिंग में 10 करोड़ खर्च होंगे। 

यह जानकारी नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने अमृत विचार संवाददाता अभिषेक वर्मा को दिये साक्षात्कार में दीं। उन्होंने शहर की समस्याओं पर बेबाकी के सवालों के जवाब दिये और कहा हमारा लक्ष्य है कि कानपुर के 100 फीसदी घरों से कूड़ा का कलेक्शन किया जाये। 

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- बरसात आ रही है,  जलभराव न हो इसको लेकर क्या ठोस प्लान बना रहे हैं?

शहर में जलभराव वाले 28 क्षेत्र चिन्हित हैं। यहां क्षेत्रों की विशेष निगरानी होगी। निगरानी के लिये कंट्रोल रूम बनाया गया है। पहली बार नाले की सफाई में जुटे ठेकेदारों का 25 फीसदी भुगतान रोका जायेगा। बरसात में अगर जलभराव नहीं हुआ तो अक्टूबर माह में ठेकेदारों का पैसा जारी किया जायेगा। डिजिटल डायरी बनवाई जा रही है जिसमें नाला सफाई, सिल्ट उठान का सभी विवरण रखा जा रहा है। जूही खलवा पुल में संपवेल में मोटरों और डीजी सेट को एक्टिव रखने के निर्देश दिये हैं। 
 
- डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पूरी तरह नहीं होता?

स्वच्छ भारत 2.0 पायलट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत नगर निगम डोर टू डोर कूड़ा उठान का सत्यापन करा रहा है। संस्थाओं के कार्यों की ट्रैकिंग की जा रही है। हमने हाल में ही 42 हजार नये घरों से कूड़ा उठान शुरू किया है। जो गैप है उसे भी हम लोग जल्द भर लेंगे। 100 फीसदी डोर टू डोर कूड़ा उठाने का लक्ष्य पूरा करेंगे।

Sudhir Kumar Nagar Ayukt Kanpur

- बेसहारा पशुओं की समस्या का समाधान कब तक होगा?

गोवंशों को अच्छी तरह रखने व देखभाल करने में हाल में ही आईएसओ 9001:2015 प्रमाण पत्र नगर निगम को मिला है। किशनपुर की कान्हा गौशाला में 5 हजार से अधिक बेसहारा गौवंश संरक्षित हैं। नई गोशाला भी बन रही है। पनकी अस्थाई गौशाला में भी बेसहारा पशुओं को पकड़कर रखा जा रहा है। 

- अतिक्रमण हटाने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, स्थायी समाधान क्यों नहीं?

नगर निगम अतिक्रमण हटा तो सकता है, लेकिन स्थाई समाधान के लिये जरूरी है कि अन्य विभाग भी सहयोग करें। इसको लेकर जल्द बैठक होगी। अतिक्रमण यदि दोबारा हुया तो उस जोन के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी।
 
- सड़क बनने के बाद दूसरे विभाग न खोदें इसके लिए क्या करेंगे?

नियमानुसार सड़क खोदने से पहले नगर निगम से अनुमति लेना जरूरी है। बिना एनओसी कोई सड़क खोदता है तो जुर्माने के साथ ही एफआईआर लिखाते हैं। लेकिन इसका स्थाई समाधान सीएम ग्रिड की सड़कों में देखने को मिलेगा। हम पहले व दूसरे चरण में शहर की 10 सड़कें ऐसी बना रहे हैं जहां डक्ट के अंदर ही सारी पाइप लाइनें व तार होंगे। भविष्य में कोई समस्या अगर होती है तो सड़क खोदने की जरूरत नहीं होगी। 

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