World Ovarian Cancer Day : महिलाओं के शरीर को कैसे प्रभावित कर सकता है ओवेरियन कैंसर ? डॉक्टर से जानें

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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-ये कैंसर महिलाओं में कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है

लखनऊ, अमृत विचार। महिलाओं में ओवेरियन कैंसर (डिम्बग्रंथि कैंसर) का जल्द पता नहीं चल पाता है। जागरुकता की कमी के चलते महिलाएं तीसरी और चौथी स्टेज पर अस्पताल आती हैं। इस स्टेज में इलाज की सफलता दर काफी कम है। यह जानकारी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) की प्रो. अमिता पांडेय ने विश्व ओवेरियन कैंसर दिवस के अवसर पर साझा की। उन्होंने बताया कि इस कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देध्य से हर साल 8 मई को यह दिवस मनाया जाता है। प्रो. अमिता के मुताबिक ओवेरियन कैंसर तब होता है जब अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाएं बढ़ती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं।

यह अंडाशय (ओवरी) से शुरू होता है। ओवेरियन कैंसर का पता लगाना कभी-कभी मुश्किल होता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर जल्दी नजर नहीं आते है यदि ओवेरियन कैंसर होता है तो यह आमतौर प पेल्विस से लिम्फ नोड्स, पेट, आंत, पेट, छाती या लिवर तक फैल सकता है। पहली स्टेज में इलाज होने पर ओवेरियन कैंसर वाले मरीजों में सर्वाइवल रेट 94 प्रतिशत है। वहीं तीसरी और चौथी स्टेज में सर्वाइवल रेट केवल 28 प्रतिशत रह जाती है।

तीसरा सबसे प्रमुख कैंसर

जानकीपुरम के हॉलिस्टिक हेल्थकेयर क्लिनिक की प्रो. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसर में ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बाद तीसरे नंबर पर ओवेरियन कैंसर ही आता है।

यह भारतीय महिलाओं में तीसरा और दुनिया भर में आठवां सबसे आम कैंसर है। सभी कैंसर के मामलों के 3.44 % मामले ओवेरियन कैंसर के होते हैं, ये कैंसर भारतीय महिलाओं में कैंसर से मृत्यु का एक प्रमुख कारण भी है जो कि भारत में कैंसर से होने वाली कुल मौतों का 3.34 प्रतिशत है। ओवेरियन कैंसर का इलाज करने के लिए सही समय पर इसके लक्षणों का पता चलना बेहद जरूरी है। इससे बचाव के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें, , धूम्रपान से तौबा करें।

लक्षण

-पेट या पेल्विक क्षेत्र में सूजन के साथ असुविधा और दर्द होना।
-खाना खाने में कठिनाई या पेट भरा हुआ महसूस होना।
-बार-बार पेशाब जाने की इच्छा व्यक्त होना।
-थकान या ऊर्जा में कमी।
- अनियमित मासिक धर्म।   

इस तरह के लक्षण दिखने पर देर ना करें और डॉक्टर से संपर्क करें

 

 

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