कासगंज: मोहिनी हत्याकांड में अधिवक्ता पिता पुत्र को हाईकोर्ट ने दी जमानत

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Published By Pradeep Kumar
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हत्याकांड में आठ माह से पंचलाना जेल में निरुद्ध थे दोनों पिता पुत्र

कासगंज, अमृत विचार। महिला अधिवक्ता मोहिनी हत्याकांड में आठ माह से जेल में निरुद्ध पिता, पुत्र अधिवक्ताओं को जमानत मिली है। उच्च न्यायालय में अन्य आरोपियों ने जमानत अर्जी दाखिल कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि अन्य आरोपियों को भी जल्द जमानत मिल सकती है। न्यायालय के मुख्य द्वार से महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर रहस्यमय तरीके से तीन सितंबर को लापता हुई थीं। चार सितंबर को उनका शव गोरहा के नहर के रजपुरा माइनर में मिला।

बतादें कि महिला अधिवक्ता के पति विजेंद्र तोमर की तहरीर के आधार पर अधिवक्ता मुनाजिर रफी, असद मुस्तफा, मुस्तफा कामिल के अलावा दो अन्य अधिवक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में पुलिस ने एक महिला और एक पुरुष को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद हत्याकांड का मास्टर माइंड सुनील फौजी और रजत सोलंकी को भी हत्याकांड का खुलासा करते हुए जेल भेज दिया था। पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने जमानत अर्जी मंजूर की और चार्जशीट को भी स्वीकार कर लिया। आरोपी उच्च न्यायालय चले गए, जहां से अधिवक्ता केशव मिश्रा को राहत मिली और उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर दी गई। शुक्रवार को आठ माह से जेल में निरुद्ध अधिवक्ता मुस्तफा कामिल और असद मुस्तफा को भी जमानत मिल चुकी है। साथ ही अन्य आरोपियों ने भी उच्च न्यायालय में अन्य आरोपियों ने जमानत अर्जी दाखिल की है। 

अभी आदेश मेरे पास नहीं आया है। आदेश का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि आरोपी असद मुस्तफा, मुस्तफा कामिल को जमानत मिल गई है। -ठाकुर संजीव सिंह यदुवंशी, जिला शासकीय अधिवक्ता (अपराध)

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