नैनीताल के पर्यटन कारोबार को 50 करोड़ का नुकसान

नैनीताल के पर्यटन कारोबार को 50 करोड़ का नुकसान

नैनीताल, अमृत विचार: पहलगाम हमले व भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का असर नैनीताल के पर्यटन कारोबार पर दिखने लगा है। मई माह में पर्यटकों की आमद से गुलजार रहने वाली सरोवर नगरी नैनीताल इन दिनों पर्यटक न के बराबर है। पर्यटन कारोबार को करीब 50 करोड़ का नुकसान हुआ है।
होटल एसोसिएशन नैनीताल के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते नैनीताल के पर्यटन कारोबार को भारी नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि अब तक करीब 50 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। आने वाले समय में भी पर्यटन सीजन की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

इधर, वीकेंड के मौके पर नैनीताल के पर्यटक स्थलों में पहले की अपेक्षा में कुछ भीड़ भाड़ नजर आई। इससे पर्यटन कारोबारियों को कुछ राहत मिली है। नैनीताल पहुंचे पर्यटकों ने नैनी झील में नौकायन, हिमालय दर्शन, रोपवे, नैनीताल जू, केव गार्डन समेत आसपास के पर्यटक स्थलों का आनंद लिया। 

पर्यटन उद्योग को भारी झटका
नैनीताल का पर्यटन उद्योग जो गर्मियों में अपने चरम पर होता है, इस वर्ष उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। आमतौर पर अप्रैल से जून तक की अवधि में लाखों की संख्या में पर्यटक नैनीताल पहुंचते हैं, जिससे स्थानीय होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक, दुकानदार और अन्य व्यवसायी आर्थिक रूप से लाभांवित होते हैं, परंतु इस बार स्थिति पूरी तरह से विपरीत है। होटल एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, नैनीताल में अब तक करीब 95% बुकिंग रद्द हो चुकी हैं। जो पर्यटक पहले से बुकिंग कर चुके थे, उन्होंने भी सुरक्षा कारणों और अनिश्चितता के चलते अपने प्लान रद्द कर दिए हैं। होटल मालिकों का कहना है कि 10 में से 9 होटल लगभग खाली पड़े हैं। पर्यटन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होते, तब तक पर्यटन उद्योग को पटरी पर लाना मुश्किल होगा। उनका सुझाव है कि सरकार को सक्रिय पहल करनी चाहिए, ताकि सुरक्षा को लेकर भरोसा बहाल किया जा सके और नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों की छवि सुरक्षित और आकर्षक बनी रहे।

स्थानीय व्यवसायी परेशान
नैनीताल के मल्लीताल और तल्लीताल क्षेत्रों में होटल और दुकान चलाने वाले व्यवसायी संकट में हैं। अलका होटल के मालिक वेद शाह बताते हैं पिछले 25 वर्षों से होटल चला रहे हैं, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मई-जून में तो कमरा खाली मिलना मुश्किल होता था। इस बार पूरा होटल खाली पड़ा है। कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो गया है। टैक्सी चालकों, फोटोग्राफरों, नाविकों और खाने-पीने की दुकानों का भी यही हाल है। इन सबका जीवन पर्यटकों पर निर्भर होता है।

सरकार से उम्मीद
होटल एसोसिएशन और अन्य पर्यटन संगठनों ने सरकार से अपील की है कि वह इस बार आर्थिक राहत पैकेज दे। दिग्विजय बिष्ट का कहना है कि अगर यही हालात रहे हैं, तो आने वाले दिनों में हम जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग को ज्ञापन सौंपकर होटल व्यवसायियों को टैक्स में छूट व बिजली बिल में राहत की मांग करेंगे। इसके अलावा पर्यटन विभाग से यह भी अपेक्षा की जा रही है कि वह प्रचार-प्रसार के माध्यम से यह स्पष्ट करे कि नैनीताल पूरी तरह सुरक्षित है और यहां पर्यटकों के लिए कोई खतरा नहीं है।

समाधान और आगे की राह
पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि नैनीताल को एक बार फिर पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने को राज्य सरकार को एक विशेष अभियान चलाना चाहिए। डिजिटल प्रचार, सोशल मीडिया कैंपेन और यात्रा ब्लॉगर्स की मदद से नैनीताल की सकारात्मक छवि को फिर से स्थापित किया जा सकता है।