Buddha Purnima 2025: बुद्ध पूर्णिमा आज, जानें महत्व, पूजा मुहुर्त और क्यों मनाया जाता है यह पर्व

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
On

अमृत विचार, लखनऊ। बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र पर्व बुद्ध पूर्णिमा सोमवार को मनाई जाएगी। वैशाख महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा व वेसाक कहा जाता है। ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया यह भगवान बुद्ध की 2587वीं जयंती होगी। मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा को भगवान गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति और उनका परिनिर्वाण हुआ था। गवान बुद्व का यह पर्व भारत में ही नहीं, थाईलैंड, चीन, कम्बोडिया, नेपाल, श्रीलंका, जापान, तिब्बत जैसे विभिन्न देशों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इसलिए मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा

बुद्ध उपदेशो से बौद्ध धर्म का उदय हुआ और भगवन बुद्ध के उपदेशों पर ही आधारित जीवन जीने वाले बौद्ध कहलाये। इसके साथ ही पूर्वी और पश्चिमी एशिया में इसका प्रसार हुआ। चीन, वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, और थाईलैंड, जापान  जैसे देशो में बौद्ध को पूजा जाता है। बुद्ध पूर्णिमा को बुद्धा जयंती, पीपल पूर्णिमा और वैशाख पूर्णिमा से नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बौद्ध मंदिरो में विशेष पूजन का भी आयोजन किया जाता है इस दिन ध्यान, उपदेश और दान पुण्य का भी कार्य किया जाता है साथ ही इस दिन अलग अलग जगहों पर धार्मिक कार्य भी किये जाते हैं  

बुद्ध पूर्णिमा पूजा मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि रविवार शाम 6 बजकर 55 मिनट से हुआ था जो आज सोमवार शाम को 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी वैशाखी पूर्णिमा के पूजा का मुहूर्त सोमवार दोपहर 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक ही मनाया जायेगा। वैशाख पूर्णिमा को रात में चन्द्रमा को जल चढाने की प्रथा है इसके लिए चंद्रोदय के समय में एक लोटे में जल, दूध औरअक्षत को आसमान में उदित चन्द्रमा की तरफ अर्पित कर दें। इस बार वैशाख पूर्णिंमा पर रवि योग बना है वहीं पूरे दिन बुधादित्य और वरियन योग का प्रभाव भी बन रहा है। इस दिन कुछ राज्यों में स्कूल और बैंक बंद रहते है। लेकिन शर बाजार खुला रहता है।  

बोधगया में मनाई गई भगवान बुद्ध की 2569वीं जयंती 

अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में सोमवार को भगवान बुद्ध की 2569वीं बुद्ध जयंती मनाई गई, जहां देश-विदेश के हजारों बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुये। भगवान बुद्ध की जयंती के अवसर पर बोधगया स्थित 80 फीट विशाल बुद्ध मूर्ति के समीप से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें विश्व के कई देशों के हजारों की संख्या में बौद्ध श्रद्धालु शामिल हुये। यह शोभायात्रा विभिन्न सड़क मार्ग से होकर विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर तक पहुंची, जिसके बाद श्रद्धालुओं ने महाबोधि मंदिर के प्रांगण में पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान लगाया। 

इस दौरान कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पहुंचे, जहां बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के लोगों ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध के दर्शन भी किये और बोधिवृक्ष की छांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुये। कार्यक्रम का शुभारंभ उन्होंने दीप प्रज्वलित कर किया। 

राज्यपाल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सभी धर्मों का देश है। मैं स्वयं मुस्लिम समाज से आता हूं लेकिन मंदिर, चर्च यहां तक की हर धर्म के कार्यक्रम में शामिल होता हूं। धर्म कोई मायने नहीं रखता।भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त कर पूरी दुनिया को मध्यम मार्ग का रास्ता बताया था।प्रत्येक व्यक्ति को भगवान बुद्ध के बताए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए, तभी विश्व में शांति आ सकती है। इस मौके पर जिलाधिकारी डॉ. त्याग राजन एसएम, बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के सचिव महाश्वेता महारथी, सदस्य अरविंद कुमार सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे। 

 

ये भी पढ़े : Kedarnath Dham : इक्वाइन इन्फ्लूएंजा का प्रकोप जारी, जांच में Fit 2 स्वस्थ घोड़े भेजे गए केदारनाथ

संबंधित समाचार