13 खाताधारकों को पता ही नहीं कहां गये उनके 76 लाख, डाकघर के संविदाकर्मी ने की हेराफेरी

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: 987कानपुर रोड एलडीए कालोनी स्थित डाकघर में 13 खाताधारकों के 76 लाख रुपये कहां गए। यह सवाल अभी भी अधूरा है। शुरूआती जांच के आधार पर पोस्ट ऑफिस के बड़े अधिकारियों ने रिपोर्ट तो दर्ज करा दी। इसमें एक आरोपी खाताधारक भी बनाया गया। आरोपी खाताधारक ने कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। उसके घर में बहन की शादी नवंबर में है। वह अपने खून-पसीने की कमाई जमा किया था। उधर पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। जरूरी दस्तावेज जुटाए जा रहे हैं।

कृष्णानगर थाने में सहायक अधीक्षक डाकघर पश्चिमी उपमंडल हरिहर नाथ मणि त्रिपाठी ने तहरीर में बताया था कि केसरी खेड़ा निवासी दीपू यादव और विपिन कुमार के खिलाफ 76 लाख रुपये के हेराफेरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले में आरोपी खाता धारक विपिन कुमार ने बताया कि पिता विनोद कुमार की मौत के बाद पीएफ के 40 लाख रुपये भाई-बहन के नाम पर खाता खोलकर एलडीए की डाकघर में जमा कराए थे। उन्होंने बताया कि बहन की नवंबर में शादी है। उसकी खरीददारी के लिए 12 अप्रैल को रकम निकालने पहुंचे तो उनके व परिवार के सभी लोगों के खाते बंद हो चुके थे। डाकघर से जानकारी करनी चाही तो विभागीय जांच की बात सामने आई। बहन की शादी सिर पर है, सोचा था कि डाकघर से रकम निकालकर आराम से शादी करूंगा। एक महीने की जांच के बाद डाक विभाग के अधिकारियों ने दीपू के साथ-साथ उस पर भी हेराफेरी का आरोप लगाया है।

सहायक अधीक्षक डाकघर पश्चिमी उपमंडल हरिहर नाथ मणि त्रिपाठी ने तहरीर में बताया था कि केसरी खेड़ा निवासी दीपू यादव अस्थायी रूप से रखा गया था। जिसे माह फरवरी 2025 में हटा दिया गया था। इसके बाद खातों से रकम पार होने की शिकायतें मिलने की मिलने लगी थी। जांच करवाई गई तो दीपू द्वारा रकम पार करना पाया गया। यही नहीं खाताधारको के विभिन्न खातों की अनाधिकृत रूप से मेच्योरिटी पूर्व बंद करके विपिन कुमार के उक्त खाते में क्लोजर अमाउंट को क्रेडिट किया गया है। जिसे बाद में नकद निकाल लिया गया है। साथ ही दूसरे बैंक में ट्रांसफर किया गया है। इससे साफ है कि दीपू के साथ विपिन कुमार की मिली भगत है।

शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

कई मामले सामने आने के बाद डाक विभाग उन्होंने सारा ठीकरा पूर्व कर्मचारी दीपू यादव पर फोड़ दिया। उन्होंने बताया कि दीपू स्थानीय पोस्ट आफिस प्रबंधन ने काम पर रखा था। उसने 2022 में तत्कालीन पोस्ट मास्टर की आइडी का उपयोग कर पैसे निकाल लिए थे। उसके जाने के बाद रकम पार होने की शिकायत आने लगी थी। इस मामले में एसीपी कृष्णानगर विकास पांडेय ने बताया कि आरोपों की जांच की जा रही है। सभी खाता धारकों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। सारे तथ्यों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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