पीलीभीत: LIU सिपाही से लाखों की ठगी...परिचितों ने ही झांसा देकर ऐंठी मोटी रकम, अब FIR
पीलीभीत, अमृत विचार। एलआईयू के सिपाही से एक परिचित परिवार ने लाखों की ठगी कर ली। पहले अपनी फर्म का एकाउंट फ्रीज होने की बात कहकर जरूरत बताई और फिर सिपाही ने लोन लेकर मदद कर दी। मगर, आरोपियों ने रकम नहीं लौटाई। कोतवाली पुलिस ने मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज की है।
मूल रूप से ग्रेटर नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र के ग्राम पारसौल के निवासी एलआईयू के सिपाही नितिन मलिक ने कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि वह वर्तमान में देवहा चौकी परिसर में रहते हैं। विनायक बिहार कॉलोनी के निवासी ऋषभ चौधरी व उसके परिवार वालों से उनके अच्छे संबंध थे। एक दूसरे के घर आना-जाना था। ऋषभ चौधरी के पिता आजाद कुमार सिंह विकास भवन में बाबू के पद पर तैनात थे, जोकि मार्च 2024 में सेवानिवृत्त हो गए। ऋषभ की आरके इंटरप्राइजेज के नाम से फर्म थी। उसका भाई दिव्यांशु चौधरी उर्फ यश, मां कुसुम सिंह और पिता आजाद कुमार सिंह ने उसे बुलाया और कहा कि उनकी फर्म के खाते में 6798927 रुपये हैं। किसी कारणवश खाता फ्रीज हो गया है। ऐसे में रुपये उधार मांगे।
बताया कि एक प्लाट का एग्रीमेंट वह मार्च 2023 में करा चुके हैं, रुपये नहीं दिए तो वह कैंसिल हो जाएगा। नजदीकी संबंध होने के चलते पीड़ित ने अपनी सैलरी पर 11 अप्रैल 2023 को एसबीआई बैंक से 8.25 लाख, 17 अक्टूबर 2023 को बीओबी बैंक से 9.90 लाख रुपये लोन लेकर आरोपी को दे दिए। इसके अलावा फर्म के खाते में 13.80 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। 4.40 लाख रुपये नकद दिए गए। आरोपियों ने कहा कि फर्म का जब तक एकाउंट चालू नहीं होता है तब तक वह किस्त अदा करते रहेंगे। फिर एकाउंट खुलते ही रकम अदा कर दी जाएगी।
काफी समय बाद भी जब एकाउंट चालू नहीं हुआ तो चिंता हुई। इस पर ऋषभ के पिता ने कहा कि वह मार्च 2024 में सेवानिवृत्त होंगे तो फंड से रकम दे देंगे। इसके बाद भी नहीं दिया गया। इसके बाद प्लाट बेचकर लोन भरने की बात कही गई लेकिन अप्रैल 2025 में पता चला कि आरोपियों ने उक्त प्लाट को तो बेच दिया है। इसके अलावा फर्म के खाते में भी कभी इतने रुपये फ्रीज हुए ही नहीं थे। ये भी आरोप लगाया कि आरोपी ऋषभ ने अपना फोटो लगाकर पीड़ित के नाम से फर्जी पुलिस आईडी कार्ड भी बना रखा है। इसके बाद भी रकम वापस नहीं की गई। कोतवाल राजीव कुमार सिंह ने बताया कि एलआईयू के सिपाही की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है। विवेचना में साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
