शाहजहांपुर: 126 करोड़ की बकायादारी पर मकसूदापुर चीनी मिल का गोदाम सील

शाहजहांपुर: 126 करोड़ की बकायादारी पर मकसूदापुर चीनी मिल का गोदाम सील

शाहजहांपुर, अमृत विचार। 126 करोड़ 78 लाख किसानों की बकायेदारी और 16 करोड़ 70 लाख की आरसी में एडीएम वित्त अरविंद कुमार ने एसडीएम पुवायां चित्रा निर्वाल के साथ शनिवार को बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड मकसूदापुर के गोदाम को सील कर दिया। एडीएम ने निर्देश दिए हैं कि जब तक किसानों का बकाया पैसा नहीं मिल जाता मिल का गोदाम सील रहेगा। इसके अलावा मकसूदापुर चीनी मिल को मिलने वाले किसानों के गन्ने में भी कटौती की तैयारी है। इसके लिए गन्ना आयुक्त को रिपोर्ट भेजने पर विचार किया जा रहा है।
 
पेराई सत्र 2024-25 में किसानों का कुल गन्ना मूल्य देयता 169 करोड़ 83 लाख के एवज में मात्र 43 करोड़ 05 लाख का ही भुगतान किया गया वहीं 126 करोड़ 78 लाख रुपया किसानों का बकाया धनराशि है। इसके अतिरिक्त  इस चीनी मिल पर वर्ष 2020- 21 गन्ना मूल्य के विलंबित भुगतान पर देय ब्याज रुपया 16 करोड़ 70 लाख रुपया की आरसी है। इस पेराई सत्र में अभी तक 27 नवंबर 2024 तक का किसानों का भुगतान किया गया है। जिस पर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह के निर्देश अपर जिलाधिकारी वित्त ने जिला गन्ना अधिकारी, एसडीएम पुवायां, नायब तहसीलदार पुवायां के साथ चीनी मिल पहुंचकर चीनी मिल के स्टॉक रखी चीनी, सीरा और कोजन का विस्तृत निरीक्षण किया। गन्ना किसानों का अवशेष भुगतान जल्दी ना करने के कारण गोदाम को सील कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि मिल का पेराई सत्र 2024-25 में पांच नवंबर 2024 को शुरू हुआा था, जो 30 फरवरी 25 तक चला। इस दौरान मिल ने कुल 46. 20 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की। यह चीनी मिल 7000 टीसीडी क्षमता की है। सुरक्षण प्रस्ताव में इस चीनी मिल को लगभग 25000 हेक्टेयर गन्ना आवंटित किया गया था। चीनी मिल द्वारा शाहजहांपुर व जनपद पीलीभीत के पुवायां, पुरनपुर, बीसलपुर तीन समितियों के गेट व 37 क्रय केंद्रों से लगभग 21000 किसानों का गन्ना खरीदा गया।
 
चीनी मिल के गन्ना मूल्य भुगतान न किए जाने के कारण किसानों में काफी आक्रोश है। आए दिन किसान जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, तहसील के कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। किसी किसान के बेटी की शादी तो किसी के बच्चे की पढ़ाई का खर्च है। अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान नगदी खेती गन्ने का चयन करता है, लेकिन चीनी मिलों के भुगतान ना करने के कारण किसान गन्ने से लगातार विमुख होकर अन्य फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहे हैं।  किसानों का आरोप है कि चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना विकास कार्यों में भी कोई सहयोग या अनुदान नहीं देती है। साथ ही भुगतान भी वर्षों बाद किया जाता है। गन्ना किसानों के साथ यह चीनी मिल छल कर रही है। अगर यही हाल रहा तो कभी शाहजहांपुर गन्ना गढ़ कहा जाने वाला शाहजहांपुर गन्ने के नाम पर वीरान हो सकता है। 

मिल ने भुगतान को नहीं किए सार्थक प्रयास
प्रमुख सचिव चीनी उद्योग, गन्ना विकास एवं आयुक्त गन्ना एवं जिला अधिकारी शाहजहांपुर की ओर से  लगातार समीक्षा करने के बावजूद भी चीनी मिल मकसूदापुर मिल मालिक की ओर से अवशेष गन्ना मूल्य का भुगतान करने के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं दिख रहा है। किसानों की इन समस्याओं को देखते हुए जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी और जिला गन्ना अधिकारी को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया। जिसके क्रम में अपरजिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी पुवायां चित्रा निर्वाल और जिला गन्ना अधिकारी के साथ मकसूदापुर चीनी मिल द्वारा अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान के विषय में संतोष जनक जवाब न देने के कारण तत्काल प्रभाव से रखे चीनी गोदाम को 10 ताले लगाकर सील कर दिया।

चीनी मिल का गन्ना क्षेत्रफल कम करने की तैयारी
प्रशासन तैयारी कर रहा है कि आगामी सत्र में मकसूदापुर मिल को गन्ना क्षेत्रफल आवंटित किया जाए ताकि किसानों को परेशान न होना पड़ा। इसके लिए गन्ना  आयुक्त को प्रस्ताव बनाकर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। अपर जिला अधिकारी के इस कार्यवाही से किसानों को जल्द ही भुगतान होने की उम्मीद बढ़ी है। इस दौरान अधिकारी के साथ मौके पर यूनिट हेड आरबी खोखर, डीजीएम, जीएम केन, सिक्योरिटी इंचार्ज मौजूद थे। अपर जिला अधिकारी ने बताया कि चीनी मिल मकसूदापुर जब तक किसानों का भुगतान नहीं करती है तब तक गोदाम सील रहेगा।