प्रधानमंत्री मोदी ने सराही हल्द्वानी के जीवन की कला

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Published By Pawan Singh Kunwar
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हल्द्वानी, अमृत विचार: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली सूखी छाल से सुंदर कलाकृतियां बनाने वाले हल्द्वानी निवासी जीवन जोशी की रविवार को सराहना की। जोशी 65 साल के हैं और वह विशिष्ट रूप से सक्षम व्यक्तियों की श्रेणी में आते हैं। पीएम मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा कि आज मैं आपको एक ऐसे शानदार व्यक्ति के बारे में बताना चाहता हूं जो एक कलाकार भी हैं और जीती-जागती प्रेरणा भी। उनका नाम जीवन जोशी है।

अब सोचिए जरा, जिनके नाम में ही जीवन हो, वह कितनी जीवंतता से भरे होंगे। बचपन में पोलियो ने उनके पैरों की ताकत छीन ली थी, लेकिन उनके हौसलों को नहीं छीन पाया। पीएम मोदी ने आगे कहा कि उनके चलने की रफ्तार भले कुछ धीमी हो गई, लेकिन उनका मन कल्पना की हर उड़ान उड़ता रहा। इसी उड़ान में, जीवन जी ने एक अनोखी कला को जन्म दिया, नाम रखा ‘बगेट’। इसमें वह चीड़ के पेड़ों से गिरने वाली सूखी छाल से सुंदर कलाकृतियां बनाते हैं।

कलाकृतियां पर्यावरण को बचाने का एक जरिया 
जोशी की प्रेरणादायक कहानी ने एक वीडियो जारी होने के बाद लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। वीडियो में उनके जीवन, कलात्मक प्रक्रिया और चुनौतियों को दर्शाया गया था। वीडियो में जोशी के कामकाज को दर्शाया गया है। इसमें देखा जा सकता है कि वह जंगल के रास्तों पर गिरी हुई छालों को इकट्ठा कर रहे हैं और उनसे ढोल, दमाऊ एवं पहाड़ी मंदिरों जैसी लघु सांस्कृतिक कलाकृतियां बना रहे हैं तथा अपने अनूठे शिल्प के जरिये उत्तराखंड की विरासत को संरक्षित कर रहे हैं। जोशी ने बताया कि ये कलाकृतियां पर्यावरण को बचाने का एक जरिया हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनकी कला युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी। 

जीवन जीना क्या होता है
प्रधानमंत्री ने कहा, वह छाल जिसे लोग आमतौर पर बेकार समझते हैं, जीवन जोशी के हाथों में आते ही धरोहर बन जाती है। उनकी हर रचना में उत्तराखंड की मिट्टी की खुशबू होती है। कभी पहाड़ों के लोक वाद्ययंत्र, तो कभी लगता है जैसे पहाड़ों की आत्मा उस लकड़ी में समा गई हो। जीवन जोशी जैसे कलाकार हमें याद दिलाते हैं कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, अगर इरादा मजबूत हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। उनका नाम जीवन है और उन्होंने सच में दिखा दिया कि जीवन जीना क्या होता है।


प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को बनाएं जनआंदोलन: धामी
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 122वें संस्करण में प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिन्दूर में हमारे वीर जवानों के शौर्य, ऑपरेशन में प्रयोग किए गए भारत में बने हथियारों, उपकरणों व टेक्नोलॉजी, राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट, गुजरात के गिर में शेरों की बढ़ती संख्या, तेलंगाना की महिला ड्रोन ऑपरेटर्स (स्काई वरियर्स), अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे।


इस दौरान उन्होंने हल्द्वानी के जीवन जोशी की 'बगेट' कला का भी जिक्र किया जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी विलक्षण कला 'बगेट' के माध्यम से जो मिसाल पेश की है, वह प्रेरणा का अमिट स्रोत है। चीड़ की सूखी छाल से उत्तराखंड की आत्मा को साकार करती उनकी कलाकृतियां वास्तव में साधना का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री द्वारा किया गया यह उल्लेख हमारी कला, संस्कृति और जनशक्ति की पहचान को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाता है। सभी प्रदेशवासियों से अपील है कि आप सभी लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और प्रधानमंत्री मोदी के आह्वान को एक जनआंदोलन का रूप दें।

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