भारत की पहली नूरी' क्लोन पश्मीना भेड़ तैयार, SKUAST-कश्मीर के Researchers ने किया ये कमाल

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Published By Anjali Singh
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श्रीनगर। शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी) के शोधकर्ताओं ने भारत की पहली जीन-संवर्धित भेड़ तैयार की है, जो पशु जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। विश्वविद्यालय ने इसे ‘‘अभूतपूर्व वैज्ञानिक उपलब्धि’’ कहा है। 

जीन संवर्धन का काम सीआरआईएसपीआर-सीएएस9 तकनीक का उपयोग करके किया गया और अंतरराष्ट्रीय जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया गया। संवर्धित भेड़ में कोई विदेशी डीएनए नहीं है, जो इसे ट्रांसजेनिक जीवों से अलग करता है और भारत की विकसित हो रही जैव प्रौद्योगिकी नीति ढांचे के तहत नियामकीय अनुमोदन का मार्ग प्रशस्त करता है।

यह उपलब्धि एसकेयूएएसटी-कश्मीर के डीन फैकल्टी ऑफ वेटरनरी साइंसेज रियाज अहमद शाह के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने लगभग चार साल के शोध के बाद हासिल की। शाह की टीम ने इससे पहले वर्ष 2012 में भारत की पहली पश्मीना बकरी- 'नूरी' का क्लोन बनाया था, जो एक मील का पत्थर था, जिसकी वैश्विक प्रशंसा हुई थी। 

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