जल्द पूरा होगा ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्कूल का सपना, हाईपावर कमेटी लेगी निर्णय

जल्द पूरा होगा ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्कूल का सपना, हाईपावर कमेटी लेगी निर्णय

हल्द्वानी, अमृत विचार: शहर में ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्कूल का सपना जल्द पूरा होने की उम्मीद है। प्रस्तावित ऑटोमेटिक ड्राइविंग स्कूल, जो रेलवे भूमि विवाद के कारण अब तक अधर में लटका हुआ था। अब जल्द ही मूर्त रूप लेगा। इस बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट को लेकर देहरादून मुख्यालय में हाईपावर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक होनी है, जिसमें भूमि विवाद के निस्तारण पर अंतिम मुहर लगने की पूरी संभावना है। 

परिवहन विभाग की ओर से विवादित भूमि का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार कर दी गई है, जिसे कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। रेलवे की ओर से किए गए दावे के बाद भूखंड पर निर्माण रुकने से यह योजना सालों से ठप पड़ी थी। उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग ने पिछले साल गौलापार में ड्राइविंग स्कूल का निर्माण शुरू कर दिया था। निर्माण शुरू हुआ ही था कि रेलवे ने निर्माण स्थल को अपनी भूमि बताकर काम रुकवा दिया था। जो अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। संभागीय परिवहन अधिकारी सुनील शर्मा ने बताया कि रेलवे वास्तविकता से अधिक भूखंड पर अपना दावा कर रहा है।

जबकि सर्वे के अनुसार यह हिस्सा परिवहन विभाग के स्वामित्व वाली भूमि में है। इधर, नए आरटीओ कार्यालय और आधुनिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है। यह पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान आरटीओ कार्यालय परिसर के पास स्थित एक हेक्टेयर भूमि पर ही बनाया जाएगा। नए परिसर के निर्माण से न सिर्फ ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि ऑटोमेटिक टेस्टिंग सुविधाओं से पारदर्शिता और दक्षता में भी इजाफा होगा। नए परिसर में सुंदर भवन बनाया जाएगा, जिसमें सैकड़ों वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था होगी। यहां संभागीय परिवहन कार्यालय का कॉरपोरेट ऑफिस बनाया जाएगा। विभाग ने इसकी डीपीआर तैयार कर दी है। विभाग के पास इसके निर्माण के लिए बजट पहले से उपलब्ध है। स्वीकृति मिलते ही इसका कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

रेलवे जिसे अपनी भूमि बता रहा, परिवहन विभाग ने उसे फॉरेस्ट से खरीदा
भूमि के विवाद के कारण अभी तक कार्य दोबारा शुरु नहीं हो सका है। रेलवे ने ड्राइविंग स्कूल की जिस भूमि को अपना बताया है। परिवहन विभाग के अनुसार उसने यह भूमि वन विभाग से खरीदी है। पेयजल निगम की निर्माण इकाई इस पर कार्य कर रही थी और उसने मैपिंग करने के बाद काम भी शुरु कर दिया था। 36 करोड़ रुपये इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर खर्च होने थे, जिसमें ड्राइविंग स्कूल और टेस्टिंग ट्रैक के साथ ही आरटीओ कार्यालय भी बनना था। 

देहरादून की तर्ज पर बनना है सेंसर युक्त ट्रैक
देहरादून की तर्ज पर हल्द्वानी में भी कुमाऊं का पहला आधुनिक सेंसर युक्त ट्रैक बनाया जाएगा। आरटीओ कार्यालय के आधुनिकीकरण में आधुनिक तकनीक से लैस ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक होगा। जिसमें टेस्ट के लिए 7 प्रमुख बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इन बिंदुओं पर गलती करने पर टेस्ट देने वाला व्यक्ति ड्राइविंग टेस्ट में फेल हो जाएगा। यह ट्रैक एलगोरिद्म पर आधारित होगा जिसमें कुल 17 बिंदु हैं।