IGRS की शिकायतें निपटाने को लगेंगी गांव में चौपाल, गोंडा में हुई अनूठी पहल को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी
डीएम लेकर बीडीओ तक फील्ड में जाकर सुन रहे हैं समस्याएं
5.png)
लखनऊ, अमृत विचार। गोंडा जिला प्रशासन अनूठी पहल पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। इसके तहत, ग्रामीण समस्याओं के स्थलीय समाधान के लिए ग्राम चौपाल लगेगी। ग्राम चौपाल के माध्यम से डीएम की अगुवाई में अधिकारी गांव पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे। मौके पर ही समस्याओं का समाधान होगा।
"प्रशासन गांव की चौखट पर" के मूलमंत्र के साथ यह कार्यक्रम गोंडा में 3 जून से शुरू हुआ है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने उन गांवों की पहचान की जहां से बार-बार और सर्वाधिक शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इस वैज्ञानिक विश्लेषण के आधार पर ऐसे 40 ग्राम पंचायतों को चिन्हित किया गया जो प्रशासनिक दृष्टि से अधिक संवेदनशील और शिकायत बहुल मानी गईं।
आईजीआरएस, समाधान दिवस, जनता दर्शन जैसे माध्यमों से प्राप्त बार-बार की शिकायतों को प्राथमिकता में लेते हुए चिन्हित गांवों में अफसरों की पूरी टीम के साथ समाधान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। शुरुआत के दिन पथवलिया, पिपरा पदुम, उमरा, पुरैनिया और दत्तनगर विशेन जैसे गांवों में डीएम खुद पहुंचीं। मौके पर ही समाधान सुनिश्चित कराया गया।
ग्राम चौपाल क्यों है खास
▪जन-जन तक शासन की पहुंच
▪फील्ड में समाधान, कागजों में नहीं
▪शासन-प्रशासन की जवाबदेही तय
▪ सक्रिय जन सहभागिता से पारदर्शिता
▪हर शिकायत की केस-टू-केस समीक्षा