4 मिनट 24 सेकेंड के वीडियो में कैद हुई हैवानियत, सड़क से गुजरती रही गाड़ियां, बच्ची को उठा ले गया था दरिंदा, जानिए पूरी Backstory
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लखनऊ, अमृत विचार: ढाई साल की मासूम से हुई हैवानियत का 4 मिनट 24 सेकेंड का एक वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसी वीडियो के सहारे पुलिस ने 24 घंटों के अंदर दरिंदे की पहचान कर कार्रवाई की। वायरल वीडियो में दरिंदगी की पूरी वारदात कैद है। वीडियो आलमबाग मेट्रो स्टेशन परिसर में लगे सीसी कैमरे में कैद हुआ। सीसी फुटेज में आरोपी दीपक वर्मा तीन बार मेट्रो स्टेशन के आसपास चक्कर लगाते दिखा। इसके बाद मौका पाते ही वारदात की।
4 जून की देर रात करीब 3 दीपक वर्मा (24) सफेद रंग की स्कूटी से पहुंचा। सड़क किनारे स्कूटी खड़ी कर वह पहले तेज चाल में सफेद टीशर्ट पहने हुए लिफ्ट के पास पहुंचता है। उसने एक-दो बार लिफ्ट के पास पहुंचकर बटन दबाए। रेकी करके उसने देखा कि बच्ची के माता-पिता गहरी नींद में हैं। उसके बाद हाथ ऊपर कर अंगड़ाई ली। फिर 50 मीटर दूर खंभे के पास सो रहे बच्ची के माता-पिता के पास जाता है।
सड़क से गाड़ियां गुजर रही हैं। इस बीच वह बच्ची को गोद में उठाकर तेज चाल में लिफ्ट के पास पहुंचा। बच्ची को वहीं फर्श पर लेटा दिया। उसके बाद मुंह दबाकर दरिंदगी की और फिर खून से लथपथ तड़पता हुआ छोड़कर भाग निकला। इसके बाद वह कई अन्य जगह भी सीसी फुटेज में दिखा। इसके बाद पुलिस ने पूरा रूट प्लान तैयार किया। सीसी फुटेज में पुलिस को स्कूटी का नंबर भी मिल गया था। वह स्कूटी से करीब ढाई घंटे तक आलमबाग और आसपास के क्षेत्रों में घूमता रहा।
सुबह परिवार को दी एनकाउंटर की सूचना
शुक्रवार दोपहर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे दीपक के पिता राधेश्याम और मां चुप्पी साधे किनारे बैठे रहे। मीडियाकर्मियों के पूछने पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। बेटे की करतूत पर वे अपना मुंह छिपाते रहे। राधेश्याम ने सिर्फ इतना बोला कि उन्हें कुछ भी नहीं पता है। दीपक ने क्या किया? सुबह पुलिस ने फोन कर दीपक के एनकाउंटर की सूचना दी। जिसके बाद उन्हें जानकारी हुई। दोपहर डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी में दीपक के शव का पोस्टमार्टम किया। दोपहर बाद दीपक का शव परिवार के सुपुर्द कर दिया गया। परिजन ने शव का अंतिम संस्कार गुलाला घाट पर किया।
रिलीफ फंड के लिए खुलवाया खाता, नि:शुल्क इलाज
एसीपी महिला अपराध सौम्या पांडेय ने बताया कि दुष्कर्म पीड़िता रिलीफ फंड के लिए बच्ची का बैंक में खाता खुलवा दिया गया है। जल्द से जल्द उसमें फंड ट्रांसफर कराया जाएगा। इसके साथ ही बच्ची के नि:शुल्क इलाज, उनके परिजन के रहने और खाने की व्यवस्था भी पुलिस-प्रशासन की ओर से की जा रही है। हर संभव हम बच्ची और उसके परिवार की मदद में लगे हैं। किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होगी।
बहन ने बड़े भाई को दिलायी थी स्कूटी, दीपक ने ली थी छीन
मुठभेड़ में मारा गया दीपक चार भाई-बहनों में सबसे छोड़ा था। उसकी बड़ी बहन गुजरात और छोटी बहन लखनऊ में रहती है। बड़ी बहन ने दो साल पहले स्कूटी खरीदकर बड़े भाई विष्णु को दी थी। विष्णु मजदूरी व फल बेचने का काम करता है। विष्णु इसी स्कूटी से अपने काम काज करता था। दबंग दीपक अक्सर घर में भी मारपीट करता रहता था। उसने कुछ दिन पहले ही बड़े भाई से मारपीट कर स्कूटी छीन ली थी। वह खुद स्कूटी से चलता था।
पहले भी कर चुका था कई बच्चियों से दरिंदगी
आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे बच्ची से दुष्कर्म करने वाले दरिंदा पहले भी कई बच्चियों के साथ गलत काम कर चुका था। बदनामी के डर से किसी बच्ची के परिजन ने पुलिस में शिकायत नहीं की, इससे आरोपी की हिम्मत बढ़ती चली गई। आरोपी पर बलवा, मारपीट समेत दो और मामले दर्ज हैं।
इंस्पेक्टर आलमबाग सुभाष चंद्र सरोज ने बताया कि बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी दीपक वर्मा (24) की पहचान सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की गई। उसके खिलाफ वर्ष 2024 में जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। उससे पहले 2021 में हजरतगंज कोतवाली में बलवा, मारपीट, धमकी समेत अन्य धाराओं में उसे आरोपी बनाया गया था। गुस्सैल प्रवृत्ति के दीपक से घरवाले भी ज्यादा बातचीत नहीं करते थे। वह बात-बात पर परिवार व लोगों से झगड़ने लगता था। इंस्पेक्टर ने बताया कि जांच में पता चला कि दीपक जागरण में झाकियां सजाने का काम करता था। झांकियों में छोटी बच्चियों को ले जाता था। इस दौरान बच्चियों के साथ गलत काम किया था। आरोपी स्कूटी से रात में घूमता और आपराधिक वारदात करता था। यही नहीं दीपक अक्सर अघोरी जैसे वेश में दिखता था। पुलिस को मिली कई तस्वीरों में वह अघोरी वेशभूषा में नजर आया है। वह आमतौर पर शाम 6 बजे घर से निकलता और सुबह 5 बजे से पहले नहीं लौटता था। कई बार जीजा के साथ फल के कारोबार में मजदूरी करता था।
पुलिस पेट्रोलिंग पर उठे सवाल
बच्ची के साथ दरिंदगी की आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे हुई। जबकि यहां अक्सर चहल-पहल रहती है। मासूम बच्ची को अगवा कर रेप की घटना ने पुलिस की पेट्रोलिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोपी ने बच्ची को जहां से अगवा किया, उसके आस-पास पिंक बूथ सहित तीन चौकियों मौजूद हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस सही से पेट्रोलिंग कर रही होती तो आरोपी ऐसी वारदात करने की हिम्मत नहीं उठा पाता।
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