पीलीभीत: जाल फेंसिग बनी रोड़ा...अब ट्रेंकुलाइज कर जंगल वापस भेजी जाएगी हमलावर बाघिन
पीलीभीत, अमृत विचार। माला जंगल के समीप किसान को मारने वाली बाघिन अब ट्रेंकुलाइज कर पकड़ी जाएगी। दरअसल जंगल सीमा पर जाल फेसिंग होने की वजह से हमलावर बाघिन के जंगल में वापस जाने में अड़चनें आ रही है। रिहायशी इलाके में डेरा जमाए बाघिन कहीं किसी अन्य व्यक्ति पर हमला न कर दें, ऐसे में सोमवार शाम ही शासन से बाघिन को पकड़ने की अनुमति मांगी गई। शासन से अनुमति मिलने के बाद सोमवार देर शाम ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। घटना स्थल से कुछ दूरी पर ट्रेप एनिमल भी बांधा गया, मगर बाघिन उसके पीछे से होकर गुजर गई। इधर अब टाइगर रिजर्व प्रशासन बाघिन को मंगलवार रात में ट्रंकुलाइज कर पकड़ने की तैयारी में जुट गया है।
बीते सोमवार तड़के थाना न्यूरिया क्षेत्र के गांव मेवातपुर निवासी किसान मुकेश कुमार की बाघिन के हमले में मौत हो गई थी। किसान की मौत से ग्रामीण भी खासे आक्रोशित हो उठे थे। डीएम ज्ञानेंद्र सिंह के मौके पर पहुंचने के बाद मामला शांत हो सका था। घटना के बाद हमलावर बाघिन के आसपास खेतों में मौजूद होने की बात कही जा रही थी। इसके बाद बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने के दौरान गन्ने के खेत में बैठी बाघिन ने माला रेंजर समेत टीम पर हमले का भी प्रयास किया, मगर सूझबूझ के चलते टीम सुरक्षित बच गई। आबादी को सुरक्षित करने के लिए जाल भी लगाया दिया गया था। वन अफसरों द्वारा हमलावर बाघिन को जंगल में खदेड़ने की रणनीति भी बनाई गई, बाघिन की तंगल वापसी में जंगल सीमा पर लगी जाल फेंसिंग ही रोड़ा बन गई। दरअसल जंगल से सटे संवेदनशील गांवों को सुरक्षित करने के लिए माला एवं महोफ रेंज की सीमा पर जाल फेंसिंग कराई गई है। हर तरफ जाल फेसिंग लगी होने से बाघिन को जंगल में खदेड़ने की योजना फेल होती देख टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोमवार को ही शासन स्तर पर उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति मांगी थी। शासन स्तर से सोमवार शाम ही बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति दे दी गई थी।
रिहायशी इलाके में घूम रही बाघिन के कारण कहीं कोई और अनहोनी न हो जाए, टाइगर रिजर्व प्रशासन ने सोमवार शाम ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। वन अफसरों की देखरेख में रेक्स्यू ऑपरेशन से संबंधित सभी संसाधन भी मौके पर जुटा लिए गए। सोमवार शाम घटनास्थल से कुछ दूरी पर ट्रेप एनिमल भी बांधा गया। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह रात करीब सोमवार करीब दो बजे ट्रंकुलाइज एक्स्पर्ट डॉ. दक्ष गंगवार के साथ मौके पर पहुंचे। बाघिन के ट्रेप एनिमल के करीब आने का इंतजार किया गया। अन्य वन अफसर और टीमें भी आसपास नजर जमाए रहीं, मगर हमलावर बाघिन ट्रेप एनिमल के करीब न जाकर पीछे से निकल चली गई। मंगलवार सुबह 07 बजे तक वन अफसर मौके पर मौजूद रहे, लेकिन पहली रात में वन अफसरों को कोई सफलता नहीं मिल सकी। इधर, मंगलवार को भी पूरे दिन निगरानी टीम मुस्तैद रही। बाघिन की लोकेशन भी आसपास देखी जा रही है। इधर अब शाम को दोबारा ट्रेप एनिमल बांधा जाएगा। वन अफसरों का कहना है कि रात में बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने का प्रयास किया जाएगा।
