पीलीभीत: पांच माह बाद फिर मिलेंगे...सैलानियों के लिए बंद हुए PTR के द्वार
अंतिम दिन उमड़ी सैलानियों की भीड़, सफारी वाहन न मिलने से कई हुए मायूस
पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार सैलानियों के लिए रविवार शाम बंद कर दिए गए। पर्यटन सत्र के अंतिम दिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व सैलानियों से गुलजार रहा। रविवार को सैलानियों ने बाघ समेत वन्यजीवों का दीदार करने के साथ ही यादगार के तौर पर टाइगर रिजर्व की खूबसूरती को भी कैमरे में कैद किया। कई सैलानियों को सफारी वाहन ही नहीं मिल सके।
मजबूरन उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। इधर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 221 दिन के पर्यटन सत्र में सैलानियों की आमद ने पिछले सभी पर्यटन सत्रों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। विदेशी धरती से आए सैलानियों ने भी इस बार टाइगर रिजर्व को जमकर तरजीह दी। पर्यटन सत्र से विभाग को 1.60 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। मानसून सत्र समाप्त होने के बाद 15 नवंबर से टाइगर रिजर्व फिर से सैलानियों के खोल दिया जाएगा।
पहले से ही बाघों की बढ़ती आबादी और अब टाइगर साइटिंग के लिए मशहूर पीलीभीत टाइगर रिजर्व देश ही नहीं बल्कि विदेशी धरती पर भी एक टूरिज्म आईकॉन के रूप में उभर रहा है। मानसून सत्र समाप्त होते ही 15 नवंबर को खुलने वाले पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार 15 जून को सैलानियों के लिए बंद कर दिए जाते हैं। करीब 73 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में फैले जंगल के सौंदर्य को देखने के लिए हर साल यहां देसी और विदेशी सैलानियों की भीड़ लगी रहती है।
हालांकि इस बार पर्यटन सत्र की शुरुआत 6 नवंबर से की गई। पूरे सात माह तक वाइल्ड लाइफ के शौकीनों ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व की खूबसूरती और यहां के विशिष्ट कद-काठी के बाघों के जमकर दीदार किए। टाइगर साइटिंग तो इस कदर हुई कि सैलानियों को मात्र एक बाघ नहीं, बल्कि एक साथ तीन-तीन बाघ भी दिखाई दिए। इस बार प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव की ओर से पीलीभीत टाइगर रिजर्व को 15 जून से बंद करने के आदेश जारी किए गए थे।
रविवार को आखिरकार 15 जून की तारीख आ ही गई और रविवार शाम सैलानियों के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के द्वार बंद कर दिए गए। इधर, पर्यटन सत्र के अंतिम दिन रविवार को पीलीभीत टाइगर रिजर्व सैलानियों से गुलजार रहा। सुबह तड़के से ही सैलानियों के काफिले मुस्तफाबाद और महोफ गेट की ओर जाते दिखाई दिए। रविवार को दोनों शिफ्टों में सफारी वाहन भी प्रतिदिन की अपेक्षा काफी देर पहले ही बुक होते दिखाई दिए। बुकिंग काउंटरों पर सफारी वाहनों को लेकर जद्दोजहद भी देखी गई।
वन अफसरों के मुताबिक दोनों शिफ्टों में करीब 800 सैलानियों ने जंगल सफारी करने के साथ बाघ समेत अन्य वन्यजीवों का दीदार कर जंगल की हरी-भरी वादियों का करीब से देखा। वहीं कई सैलानी पर्यटन सत्र के अंतिम दिन को बतौर यादगार संजोकर रखने के लिए कैमरे में जंगल की खूबसूरती को कैद करते दिखे।
221 दिनों में टूटा पिछला रिकार्ड, 56741 सैलानियों ने दी दस्तक
पीलीभीत टाइगर रिजर्व इस बार भी सैलानियों के लिए काफी मुफीद साबित हुआ। पिछले सीजन की तरह ही इस बार भी पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने आने वाले सैलानियों को निराश नहीं होने दिया। पर्यटन सत्र के शुरूआती दौर से टाइगर साइटिंग का चला सिलसिला अंतिम दौर तक जारी रहा। सोशल मीडिया पर भी टाइगर रिजर्व खूब छाया रहा। वन अफसरों के मुताबिक, पर्यटन सत्र के दौरान 6 नवंबर से 15 जून तक इस बार 56,741 सैलानी टाइगर रिजर्व की सैर करने पहुंचे। सैलानियों की आमद की बात करें तो इस बार भी पिछले पर्यटन सत्र का रिकार्ड टूट गया। इस बार सैलानियों ने चूका बीच और सप्त सरोवर में बनीं हट में रात्रि विश्राम करने में खासी दिलचस्पी दिखाई। सैलानियों द्वारा 1039 बार हट की ऑनलाइन बुकिंग कराई गई। पर्यटन सत्र के दौरान इस बार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, राज्यपाल समेत कई राजनेता, अभिनेता समेत कई बड़े अफसर भी यहां पहुंचे। वहीं केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद के साथ 100 से अधिक सोशल मीडिया एनफ्लुएंसर्स भी पहुंचे।
विदेशी धरती पर छाया रहा, 452 विदेशी सैलानी पहुंचे
पीलीभीत टाइगर रिजर्व बाघों की संख्या और टाइगर साइटिंग को लेकर विदेशी धरती पर अपनी पहचान बनाता नजर आ रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीलीभीत टाइगर में आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में साल दर साल इजाफा देखा जा रहा है। इस बार पर्यटन सत्र में 452 विदेशी सैलानियों ने पीटीआर पहुंचकर यहां की खूबसूरती देखने के साथ बाघ समेत वन्यजीवों के दीदार किए, जबकि पिछले सत्र में 189 विदेशी सैलानी यहां आए थे।
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