ईरान का बड़ा बयान, कहा- अमेरिकी हमलों पर जवाबी कार्रवाई का समय और तरीका तय करेगी सेना

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Published By Deepak Mishra
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संयुक्त राष्ट्र। ईरान ने कहा है कि अमेरिका ने देश के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके ‘‘कूटनीति के रास्ते बंद करने का फैसला किया’’, अब उसके हमलों पर जवाबी कार्रवाई का वक्त, तरीका और इसका पैमाना क्या होगा इसके बारे में फैसला सेना करेगी। 

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावनी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में कहा कि ईरान ने अपने तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के बाद कहा कि ‘‘ईरान ने युद्धोन्मादी अमेरिकी शासन को बार-बार चेतावनी दी थी कि वह इस दलदल में न फंसे।’’ 

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु केंद्रों पर हमले करके ‘‘कूटनीति के रास्ते बंद करने का निर्णय लिया’’ तथा अब ईरान की सेना यह निर्णय करेगी कि जवाबी कार्रवाई कब की जाएगी और इसकी प्रकृति कैसी होगी तथा इसे कैसे अंजाम दिया जाएगा। ईरानी राजदूत ने बैठक में कहा, ‘‘हम सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।’’

इरावनी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पश्चिम के ‘‘घृणित कृत्य’’ कराने में और अमेरिकी विदेश नीति को ‘हाईजैक’ करने में सफल हो गए और कहा कि इससे अमेरिका एक और निराधार युद्ध में फंस गया है। इरावनी ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री ने इस सप्ताह कई यूरोपीय समकक्षों के साथ बातचीत की थी लेकिन ‘‘अमेरिका ने कूटनीति के रास्ते बंद करने का फैसला किया।’’ 

उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे से कहा ‘‘इस स्थिति से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? पश्चिमी देशों के दृष्टिकोण से, ईरान को बातचीत की मेज पर वापस आना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री ने उल्लेख किया है कि ईरान किसी ऐसी चीज पर वापस कैसे लौट सकता है जिसे उसने कभी छोड़ा ही नहीं।

ईरान पर इजराइल के हमले में 950 लोगों की मौत : मानवाधिकार संगठन

दुबई: ईरान पर इजराइल के हमलों में कम से कम 950 लोग मारे गए हैं और 3,450 अन्य घायल हुए हैं। एक मानवाधिकार संगठन ने सोमवार को यह जानकारी दी। अमेरिका के मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने ये जानकारी दी है। यह संगठन ईरान में इस तरह के मामलों में हताहतों के आंकड़े जुटाता है। संगठन ने कहा कि मरने वालों में 380 नागरिक और सुरक्षा बल के 253 जवान शामिल हैं।

‘ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स’ ने ही ईरानी नागरिक महसा अमीनी की मौत के बाद वहां 2022 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हताहतों की विस्तृत संख्या प्रदान की थी। महसा अमीनी (22) को ईरान की पुलिस ने हिजाब ठीक से नहीं पहनने के आरोप में हिरासत में लिया था जिसके बाद सोलह सितंबर 2022 में संदिग्ध परिस्थिति में उसकी मौत हो गई थी। ईरान संघर्ष के दौरान मृतकों की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दे रहा है और उसने पूर्व में हताहतों की संख्या कम बताई थी। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि इजराइल के हमलों में लगभग 400 नागरिक मारे गए हैं और 3,056 अन्य घायल हुए। 

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