अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जीवाश्म पार्क को मिली ख्याति, यूनेस्को की विश्व धरोहर में दर्ज हुआ सोनभद्र का फॉसिल्स पार्क

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Published By Muskan Dixit
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1.4 अरब वर्ष पुराना पार्क प्राचीन बलुआ पत्थर में संरक्षित सबसे पुरानी सर्वश्रेष्ठ स्ट्रॉमैटोलाइट्स

लखनऊ, अमृत विचार। योगी सरकार ने दुनिया के सबसे प्राचीन जीवाश्म पार्क में शुमार सोनभद्र के सलखन फॉसिल्स पार्क को विश्व धरोहर के लिए बनीं सूची में शामिल करने में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सलखन फॉसिल पार्क का विवरण अब यूनेस्को की वेबसाइट https://whc.unesco.org/en/tentativelists/6842/ पर देखा जा सकता है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को नई उड़ान मिलेगी।

फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की सूची में दर्ज कराने के लिए 26 जून 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र इको पर्यटन विकास बोर्ड और राजधानी स्थित बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान के बीच एमओयू हुआ था। इसके तहत संस्थान की ओर से फॉसिल्स पार्क पत्थरों पर मौजूद जीवाश्म का अध्ययन किया गया, जिसमें 1.4 अरब वर्ष पुराने शैवाल और स्ट्रॉमैटोलाइट्स के जीवाश्म पाए गए। यह धरती पर प्राचीन जीवन के प्रमाण देते हैं। इन साक्ष्यों के आधार पर यूनेस्को की सूची में पार्क को शामिल करने के लिए आवेदन किया गया। जबकि विश्व की सूची में पहले से सम्मिलित अमेरिका के येलो स्टोन पार्क के जीवाश्म लगभग 50 करोड़ वर्ष पुराने, कनाडा के मिस्टेकन प्वाइंट के जीवाश्म लगभग 55 करोड़ वर्ष पुराने व कनाडा के जॉगिंस फॉसिल क्लिफ के जीवाश्म 31 करोड़ वर्ष पुराने है।

फिलहाल, सलखन फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया गया है। राज्य के पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्र ने बताया कि यूनेस्को की स्थाई सूची में दर्ज कराने के लिए डोजियर तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही भारत सरकार को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद इसे यूनेस्को को भेजा जाएगा। उन्होंने उम्मीद जतायी है कि आगामी 2 वर्षों में फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की स्थायी सूची में स्थान मिल सकता है। इससे जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को ख्याति प्राप्त होगी, वहीं वैश्विक स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।


इको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड पिछले एक साल कर रहा था प्रयास
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में इको टूरिज्म को भी बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि इको पर्यटन विकास बोर्ड ने हाल ही में कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से दुधवा टाइगर रिजर्व तक रेल कनेक्टिविटी प्रदान करने वाली पर्यटक ट्रेन में विस्टाडोम कोच का संचालन शुरू किया है। वहीं, सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज से लगभग 15 किलोमीटर दूर सलखान गांव के पास स्थित सलखन फॉसिल्स पार्क को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की टेंटेटिव लिस्ट में दर्ज कराने की बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए विभाग की ओर से एक साल से प्रयास किया जा रहा था।

25 हेक्टेयर में फैला है फॉसिल्स पार्क

पृथ्वी की प्राचीन धरोहर में बढ़ती राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रुचि के बीच सलखन फॉसिल पार्क कैमूर वन्यजीव अभयारण्य और विंध्य पर्वत श्रृंखला के बीच एक सुंदर भू-भाग में स्थित है। 25 हेक्टेयर में फैला यह स्थल प्राचीन बलुआ पत्थर में संरक्षित कुछ सबसे पुरानी और सर्वश्रेष्ठ स्ट्रॉमैटोलाइट्स (प्राचीन, परतदार, सूक्ष्मजीवों से बने चट्टान के गठन) का घर है, जो लगभग 1.4 अरब वर्ष पुरानी हैं। ये जीवाश्म सूक्ष्मजीव संरचनाएं पृथ्वी पर जीवन के सबसे प्रारंभिक रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं और ग्रह के जैविक अतीत में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।

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