कानपुर : डिजाइन के साथ ही मानक का रखें ख्याल
आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप को बेहतर करने के बताए तरीके, तकनीक संस्थान के छात्र खुद तय करें अंतरराष्ट्रीय मानक
कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड की ओर से एक कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में स्टार्टअप से जुड़े युवाओं को राष्ट्रीय व अतरराष्ट्रीय मानक के बारे में बताया गया। कार्यशाला में विशेषज्ञों की ओर से युवाओं को स्टार्टअप की डिजाइन के समय ही मानक का ख्याल रखे जाने की सीख दी गई।
कार्यशाला के दौरान एक प्रेसवार्ता में डीडीजी स्टैंडर्डआईजेशन रीना गर्ग ने बताया कि यह उन लोगों की आईआईटी कानपुर में पहली कार्यशाला है। इससे पहले वे लोग आईआईटी बांबे, मद्रास, बीएवयू में भी कार्यशाला कर चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि स्टार्टअप को शुरू करते समय ज्यादातर केस में मानक का ख्याल नहीं रखा जाता है। मानक के आवेदन तब होता है जब वह कॉमर्शियल होने की प्रक्रिया में आता है। इस स्थिति में कई बार स्टार्टअप फ्लोर पर आने में लेट हो जाता है।
कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने युवाओं को स्टार्टअप की शुरुआत में ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड को अपनाने की राय दी है। वार्ता के दौरान रिसर्च डीन तरुण गुप्ता व स्टार्टअप सीईओ पियूष मिश्रा भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में ‘इनोवेशन टू इंपैक्ट’ विषय पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। कार्यशाला में लगभग सौ प्रतिभागी मौजूद रहे। इस दौरान युवाओं को यह भी बताया कि वे अपने स्टार्टअप को इस तरह से तैयार करें जिससे उसका इंपैक्ट हो।
प्रयोग करने से बेहतर है कि इस तरह का प्रयोग किया जाए जो अपना असर छोड़ता हो। स्टार्टअप को शुरू करने से पहले यह भी ख्याल रखे कि वे अपने स्टार्टअप के मानक को इस तरह से तैयार करें कि वह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का नेतृत्व कर सके। इसके अलावा युवाओं को भारतीय मानक ब्योरो के साथ सहयोग व काम करने की भी सलाह दी गई। वार्ता के दौरान यह भी बताया गया कि आईआईटी कानपुर के 87 फैकेल्टी मानक ब्योरो के सदस्य है। ऐसे में युवाओं के लिए मानक तय करना मुश्किल कार्य नहीं है।
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