लखनऊ : आर्थिक तंगी और कर्ज में डूबे कई परिवार पहले भी लगा चुके है मौत को गले

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Published By Vinay Shukla
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मड़ियांव, जानकीपुरम, पीजीआई, विकासनगर में हुई थी घटना

लखनऊ, अमृत विचार: आर्थिक तंगी और कर्ज में डूबने के बाद चौक के कपड़ा व्यापारी ने परिवार समेत खुदकुशी कर ली। यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी राजधानी के कई परिवारों ने आर्थिक तंगी और कर्ज में डूबने के बाद खुदकुशी की। इसमें जानकीपुरम के नलकूप विभाग के इंजीनियर, मड़ियांव, ठाकुरगंज के परिवार शामिल हैं। जिन पर सूदखोरों व बैंक के रिकवरी एजेंट लगातार दबाव बना रहे थे, इसी से तंग आकर खुदकुशी कर ली।

नलकूप इंजीनियर के परिवार ने खाया जहरीला पदार्थ : जानकीपुरम निवासी नलकूप विभाग के जेई के पद पर तैनात शैलेंद्र कुमार (45), उसकी पत्नी गीता (42) और बेटी प्राची (17) ने 27 जुलाई 2022 को जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस की जांच में सामने आया कि 60 लाख रुपये के कर्ज के बोझ में दबने के कारण खुदकुशी की थी। जमीन को गिरवी रखने के बाद रुपये जुटाए,लेकिन कर्ज नहीं चुका सके। ब्याज पर रकम देने वाले घर में घुसकर परिवार के साथ बदसलूकी करते थे। सुसाइड नोट में चार लोगों पर आरोप लगाया था। इसी तरह मड़ियांव के फैजुल्लागंज में 2021 में दंपति ने सूदखोरों के तकादे से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी।

डॉक्टर ने फंदा लगाकर दी जान : विकासनगर निवासी डॉ. प्रदीप वर्मा ने 9 अक्टूबर 2023 को खुदकुशी कर ली। पुलिस को कमरे से सुसाइड नोट मिला। जिसमें 20 लाख रुपये कर्ज चुका पाने में असमर्थ होने के कारण खुदकुशी की बात लिखी मिली। बाराबंकी के मसौली के रहने वाले डॉ. प्रदीप ने 2013 में केजीएमयू से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। गुडंबा में एक निजी अस्पताल में चिकित्सक थे।

करोड़ों का कारोबार फिर भी नहीं चुका पाए कर्ज : लखीमपुर निवासी राकेश कुमार शुक्ला (53) पीजीआई इलाके में स्थित कासा ग्रीन अपार्टमेंट में पत्नी मानवता व बेटे अभिष्ठ के साथ रहते थे। उनकी प्लाईवुड व ग्लो साइन बोर्ड बनाने की मोहनलालगंज में फैक्टरी है। वृंदावन सेक्टर-11 में उनका एक मकान है। इसमें किराए पर स्कूल चलता है। इसी मकान में वह 20 अगस्त 2023 की रात सोने के लिए गए थे। पत्नी व बेटा फ्लैट में थे। जहां कमरे में उनका शव फंदे से लटका मिला। कमरे में सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा था कि सुसाइड नोट में तीन बैंक कर्मियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। बैंककर्मियों ने मुझको फंसाकर 72 लाख रुपये का लोन करवा दिया। इससे मेरी जिंदगी तबाह हो गई है। इसी प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी कर रहा हूं। इन तीनों बैंक कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए...।

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