Bareilly: धर्म की सेवा नहीं कर रहे, अपना हित साथ रहे कथावाचक और मौलाना

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Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। इटावा की घटना को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हिंदू कथावाचकों को तो आड़े हाथों लिया ही, साथ ही मौलवी वक्ताओं और शायरों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये लोग धर्म और कला की आड़ में अपना हित साधने में लगे हुए हैं।

मौलाना ने कहा कि हालात ये हैं कि गरीब आदमी के लिए किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन कराना बेहद मुश्किल और महंगा काम हो गया है। हिंदू कार्यक्रम में कथावाचको को बुलाया जाता है, बिल्कुल इसी तरह मुसलमानों के कार्यक्रम में तकरीर करने के लिए मौलवी को बुलाया जाता है। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए मुशायरे आयोजित किए जाते हैं। ये लोग आयोजकों से पहले अपना पैसा तय करते हैं फिर उसके बाद समय देते हैं। कार्यक्रम में पहुंचने से पहले खाते में पैसा डलवाते हैं। फिर कहीं जाकर कार्यक्रम में पहुंचते हैं। 

आलम ये है कि इन लोगों ने निजी सचिव रखे हुए हैं। मौलाना ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान का भी समर्थन किया। कहा कि यह लोग धर्म के नाम पर दुनिया दारी कर रहे हैं। धर्म के प्रचार-प्रसार और सेवा के दावे खोखले हैं। ये लोग धर्म की आड़ में अपने व्यक्तिगत हित साधने में लगे हैं। 

मौलाना ने हिंदू और मुस्लिम जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसे कथावाचकों, मौलवियों और शायरों को अपने कार्यक्रमों में न बुलाएं। इनका बायकॉट किया जाना चाहिए। कुछ लोग अच्छे भी हैं, जो कथा और तकरीर करने के पैसे तय नहीं करते हैं, उन्हें धर्म का सेवक कह सकते हैं। 

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