भारतीय बल्लेबाज का टला डेब्यू, इंग्लैंड में खेलते नहीं आएंगे नजर

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेटर रुतुराज गायकवाड़ अब काउंटी चैंपियनशिप 2025 के शेष सीजन में यॉर्कशायर के लिए मैदान पर नहीं उतरेंगे। क्लब ने 18 जुलाई को आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि रुतुराज ने निजी कारणों से टूर्नामेंट से हटने का निर्णय लिया है। रुतुराज ने यॉर्कशायर के साथ पांच मैचों का अनुबंध किया था और वह 22 जुलाई को स्कारबोरो में मौजूदा चैंपियन सरे के खिलाफ अपना पहला मैच खेलने वाले थे। हालांकि, अचानक लिए गए इस फैसले ने सभी को हैरान कर दिया, और इसके पीछे का कारण अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। इस निर्णय की जानकारी क्लब और कोचिंग स्टाफ को हाल ही में मिली, जिससे टीम प्रबंधन को तगड़ा झटका लगा है।

चोट से उबरने के बाद थीं उम्मीदें

28 वर्षीय रुतुराज ने IPL 2025 में केवल पांच मैच खेले थे, लेकिन कोहनी की चोट के कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। इसके बाद, उन्होंने चोट से उबरकर भारत ए के इंग्लैंड दौरे पर कुछ मुकाबले खेले, जिससे यॉर्कशायर के लिए उनके प्रदर्शन की उम्मीदें बढ़ गई थीं। प्रशंसक और टीम प्रबंधन उनके काउंटी डेब्यू को लेकर उत्साहित थे।

कोच ने जताई निराशा

यॉर्कशायर के मुख्य कोच एंथनी मैक्ग्रा ने रुतुराज के इस फैसले पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा, "यह बेहद दुखद है कि रुतुराज निजी कारणों से हमारे साथ नहीं खेल पाएंगे। हम उन्हें स्कारबोरो या बाकी सीजन में टीम का हिस्सा नहीं बना पाएंगे। हमें उनके फैसले के कारणों की जानकारी नहीं है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि सब कुछ ठीक होगा। हमें यह खबर हाल ही में मिली है, और अब हम विकल्प तलाश रहे हैं। लेकिन समय बहुत कम है, केवल दो-तीन दिन बचे हैं, इसलिए नया खिलाड़ी ढूंढना चुनौतीपूर्ण है।"

रुतुराज का शानदार फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड

रुतुराज का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है। उन्होंने 38 मैचों में 41.77 की औसत से 2632 रन बनाए हैं, जिसमें सात शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी तकनीकी बल्लेबाजी और धैर्य उन्हें काउंटी क्रिकेट के लिए आदर्श खिलाड़ी बनाता है।

यॉर्कशायर की रणनीति पर प्रभाव

रुतुराज के हटने से यॉर्कशायर की योजनाओं और टीम संतुलन पर असर पड़ सकता है। सरे के खिलाफ महत्वपूर्ण मुकाबले से पहले यह खबर टीम की तैयारियों में बाधा डाल सकती है। अब क्लब के सामने चुनौती है कि वह इतने कम समय में उपयुक्त विकल्प तलाश सके। यह देखना दिलचस्प होगा कि यॉर्कशायर इस स्थिति से कैसे उबरता है।

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