मेरठः फर्जी दरोगा का भांडाफोड़, प्रेमिका से मिलने के लिए रचा था नाटक, असली पुलिस ने भेजा हवालात, जानें कैसे खुली पोल, देखें Video
मेरठः उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक ने अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए पुलिस की वर्दी का सहारा लिया। उसने नकली पुलिस वर्दी और फर्जी पहचान पत्र बनवाकर लोगों को धोखा दिया, लेकिन उसकी चालाकी ज्यादा दिन नहीं चल सकी। असली पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर उसकी सारी पोल खोल दी। यह घटना इंचौली थाना क्षेत्र की है।
प्रेमिका से मिलने के लिए बनाया फर्जी पुलिसवाला का रूप
मेरठ के सैनी गांव में रहने वाली एक विधवा महिला से शुभम राणा नामक युवक की दोस्ती थी। महिला का पति पहले ही गुजर चुका था, और शुभम उससे मिलने अक्सर गांव आता था। गांव वालों को शक न हो, इसलिए उसने पुलिस की वर्दी सिलवाने का फैसला किया। उसने खाकी वर्दी, नेमप्लेट, चार सितारों वाली कैप और एक फर्जी पुलिस आईडी कार्ड बनवाया। खुद को ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में तैनात सब-इंस्पेक्टर बताकर वह इलाके में रौब जमाता था।
शक की वजह से खुला राज
शुक्रवार को जब शुभम अपनी प्रेमिका से मिलने गांव पहुंचा, तो महिला के ससुराल वालों को उसकी हरकतों पर शक हुआ। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और शुभम के साथ हाथापाई की। गांव वालों ने तुरंत इंचौली थाना पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शुभम को हिरासत में लिया और थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में शुभम ने कबूल किया कि वह पुलिसकर्मी नहीं है और उसने यह सब सिर्फ प्रेमिका से मिलने के लिए किया था। पुलिस ने उसके पास से नकली वर्दी, नेमप्लेट, पुलिस कैप, फर्जी आईडी कार्ड और वर्दी में खींची गई तस्वीरें व रील्स बरामद किए।
वन विभाग से मिली प्रेरणा
शुभम ने पुलिस को बताया कि उसने दो साल पहले वन विभाग में एक अस्थायी नौकरी की थी, जहां उसे सरकारी वर्दी का रुतबा देखने को मिला। उसी से प्रेरित होकर उसने फर्जी पुलिसवाला बनने की ठानी। उसने मुजफ्फरनगर के एक दर्जी से पुलिस की वर्दी सिलवाई और फर्जी पहचान पत्र बनवाया। उसने यह भी स्वीकार किया कि वह वर्दी पहनकर न सिर्फ प्रेमिका से मिलता था, बल्कि लोगों को डराकर अवैध उगाही भी करता था।
पुलिस ने शुरू की कानूनी कार्रवाई
मेरठ पुलिस ने शुभम राणा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की उचित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, और जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि शुभम ने किन-किन लोगों को धमकाकर पैसे वसूले और कितनों को ठगा।
एसएसपी का बयान
मेरठ के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद जांच में पाया गया कि शुभम राणा कोई पुलिसकर्मी नहीं है। उसने फर्जी वर्दी और आईडी बनवाकर लोगों को गुमराह किया। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
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