टार्च की रोशनी में इलाज: बलिया जिला अस्पताल की शर्मनाक तस्वीर सामने आई, 45 मिनट तक अंधेरे में तड़पते रहे मरीज

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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बलिया, अमृत विचार : बलिया जिला अस्पताल की बदहाल व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें अस्पताल के आपात चिकित्सा कक्ष (इमरजेंसी रूम) में मरीजों का इलाज टार्च की रोशनी में किया जा रहा है। हालांकि, वायरल वीडियो की पुष्टि अमृत विचार नहीं करता है। वीडियो में एक डॉक्टर सिर पर टार्च लगाए एक गंभीर मरीज का उपचार करते दिख रहे हैं, जबकि आस-पास अन्य मरीज बिजली की अनुपलब्धता से परेशान नजर आ रहे हैं। एक युवक वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है, "इतने मंत्री होने के बावजूद बलिया के अस्पताल की हालत देखिए।"

45 मिनट तक बिजली गायब, जेनरेटर भी फेल : मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ एस.के. यादव ने बताया कि शुक्रवार शाम अचानक तकनीकी गड़बड़ी के कारण अस्पताल परिसर की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। आपात भवन को सप्लाई देने वाला जेनरेटर भी तकनीकी कारणों से काम नहीं कर पाया। परिणामस्वरूप लगभग 45 मिनट तक मरीज अंधेरे में इलाज के लिए तरसते रहे। सीएमएस ने कहा कि "अब इमरजेंसी वार्ड में पर्याप्त संख्या में इनवर्टर लगाए जा चुके हैं और व्यवस्था को सुधार दिया गया है।"

सोशल मीडिया पर उठे सवाल : हालांकि, यह घटना स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। एक ऐसा अस्पताल जहाँ हर पल जान बचाने की दौड़ होती है, वहाँ इस तरह की लापरवाही माफ़ी के काबिल नहीं मानी जा सकती।  वीडियो वायरल होते ही आम जनता से लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों तक ने प्रशासन को घेरा। ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #BalliaHospital ट्रेंड करने लगा।

👉 सवाल उठता है
  • क्या यह व्यवस्था सिर्फ बलिया तक सीमित है?
  • बाकी जिलों के अस्पतालों की स्थिति क्या इससे बेहतर है?
  • बिजली और बैकअप जैसी बुनियादी ज़रूरतें कब तक लापरवाही का शिकार बनेंगी?

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