पीलीभीत: पूर्व मंत्री के घर के बाहर ग्रामीणों ने लगाया जाम, बीईओ के लिखित आश्वासन पर मानें..स्कूलों के विलय का मामला

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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बीसलपुर, अमृत विचार: क्षेत्र के ग्राम कर्रखेड़ा और बिलसंडा के ग्राम बसेगा के प्राइमरी विद्यालयों को पास के गांव स्थित प्राइमरी विद्यालयों में विलय करने से गुस्साए ग्रामीणों ने भाजपा विधायक विवेक वर्मा के पिता पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा के आवास के सामने मार्ग पर धरना देकर जाम लगाया। कई घंटे तक मार्ग पर आवागमन अवरुद्ध रहा। खंड शिक्षाधिकारी ने दोनों विद्यालयों को अन्य विद्यालयों में विलय न किए जाने का लिखित में आश्वासन दिय, जिसके बाद ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया।

बीसलपुर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम कर्रखेड़ा के ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में स्थित प्राइमरी विद्यालय में बच्चों की संख्या पूरी होने के बाद भी विद्यालय को पड़ोसी गांव ढुकसी स्थित प्राइमरी विद्यालय में विलय किया जा रहा है। जबकि ढुकसी में छात्रों की संख्या उनके विद्यालय से काफी कम है। इसी प्रकार बिलसंडा विकासखंड क्षेत्र के ग्राम बसेगा में स्थित प्राइमरी विद्यालय में बच्चों की संख्या 50 से अधिक होने के बावजूद भी उसे गांव से एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित गोपालपुर गांव के प्राइमरी विद्यालय में विलय कर दिया गया। जबकि गोपालपुर के विद्यालय में छात्रों की संख्या कम है। दोनों गांव के ग्रामीण दर्जनों पढ़ने वाले बच्चों, महिलाओं के साथ बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली में सवार होकर बुधवार को बीसलपुर आए। इसके बाद पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा के निवास के सामने जाम लगा दिया। ग्रामीण सड़क पर ही बैठ गए। मार्ग अवरुद्ध होने से आवागमन कई घंटे बंद रहा।

धरना स्थल पर तहसीलदार आशीष कुमार गुप्ता, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक संजीव कुमार शुक्ला, कस्बा चौकी प्रभारी शरद यादव पुलिस बल के साथ पहुंच गए। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझने की कोशिश की लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे। इसके बाद पूर्व मंत्री रामसरन वर्मा ने बीएसए से वार्ता की। फिर बीसलपुर खंड शिक्षा अधिकारी हर्षित शर्मा मौके पर आए। उन्होंने जब दोनों गांव के ग्रामीण को लिखित रूप से आश्वासन दिया कि उनके गांव का प्राइमरी विद्यालय पड़ोस के गांव के विद्यालय में विलय नहीं किया जाएगा। तब कहीं जाकर ग्रामीण माने और उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया। इसके बाद सभी ग्रामीण अपने-अपने ट्रैक्टर ट्रालियों में बैठकर गांव को रवाना हो गए।

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