मनरेगा की ‘योजनाबद्ध हत्या’ की जा रही है, बापू के प्रति प्रधानमंत्री का सम्मान दिखावटी: खरगे 

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Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मनरेगा का सिर्फ नाम नहीं बदला जा रहा है, बल्कि इस योजना की ‘‘योजनाबद्ध हत्या’’ की जा रही है तथा विदेशी धरती पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर फूल चढ़ाया जाना सिर्फ दिखावा है। खरगे ने संसद परिसर में विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन के बाद यह भी कहा कि मनरेगा का नाम बदलने के सरकार के कदम का कांग्रेस सड़क से संसद तक पुरजोर विरोध करेगी। संसद परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, खरगे, और कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने ‘गरीबों का अधिकार वापस दो’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए।

खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज बात सिर्फ मनरेगा के नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह काम के अधिकार को छीने जाने की बात है। सरकार उस अधिकार को छीन रही है, जो हमने दिया था। इस नए कानून में सरकार का जब मन होगा, तब वह काम देगी.. बाद में यह बोलकर काम देने से मना कर देगी कि अभी मांग नहीं है।’’ उनका कहना था कि यह एक बड़ा मुद्दा है और पिछड़े वर्ग, दलित वर्ग के साथ गरीबों के अधिकारों पर हमला है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हम लोगों के अधिकार के लिए हर राज्य और जिले में लड़ेंगे। ये सिर्फ महात्मा गांधी जी के नाम की बात नहीं है, बल्कि सवाल अधिकारों का भी है।’’

बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘यह केवल महात्मा गांधी नरेगा के नाम बदलने की बात नहीं है। यह भाजपा-आरएसएस की मनरेगा को खत्म करने की साजिश है। संघ के सौ साल पर गांधी का नाम मिटाना ये दिखाता है कि जो मोदी जी विदेशी धरती पर बापू को फूल चढ़ाते हैं, वो कितने खोखले और दिखावटी हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि जो सरकार गरीब के हक से चिढ़ती हो, वही मनरेगा पर वार करती है। खरगे ने आरोप लगाया कि यह मनरेगा का केवल नाम बदलने का मामला नहीं है, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार योजना की ‘‘योजनाबद्ध हत्या’’ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस अहंकारी सत्ता का कोई भी ऐसा निर्णय जो ग़रीब और मजदूर विरोधी होगा, ऐसे प्रावधान के खिलाफ कांग्रेस पार्टी संसद और सड़क पर, उसका पुरजोर विरोध करेगी। करोड़ों गरीब, मजदूरों और कामगारों के हकों को हम सत्ता के हाथों छिनने नहीं देगें।’’

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