शाहजहांपुर : नाटक, कविता और पोस्टर से बताया मां के दूध का महत्व

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
On

स्तनपान को परिवार की सामूहिक जिम्मेदारी बताया, विशेषज्ञों ने तोड़ी भ्रांतियां

शाहजहांपुर, अमृत विचार। वरुण अर्जुन विवि के वरुण अर्जुन मेडिकल कॉलेज एवं रोहिलखंड अस्पताल के बाल रोग विभाग ने विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर भावनात्मक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर समाज को मां के दूध की महत्ता का संदेश दिया। उद्देश्य स्तनपान को लेकर फैली भ्रांतियों को तोड़ना रहा।

कार्यक्रम की शुरुआत विवि के प्रति-कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार अग्रवाल और कुलपति डॉ. किरन अग्रवाल के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से हुई। उन्होंने बताया कि जीवन के पहले छह महीने तक केवल मां का दूध ही शिशु के लिए सर्वोत्तम आहार होता है। डीन डॉ. कर्नल आरएन शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा कि स्तनपान शिशु को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है और मां को शारीरिक व मानसिक रूप से सशक्त करता है। वहीं उप प्रधानाचार्य डॉ. एस कृष्णन ने जोर देकर कहा कि स्तनपान केवल मां की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे परिवार की साझा जिम्मेदारी है।

बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अविनाश लुकाडे ने बताया कि स्तनपान से बच्चों को दस्त, निमोनिया और कुपोषण जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव होता है, साथ ही यह मां को स्तन कैंसर से भी सुरक्षा देता है। कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र गुप्ता और स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. केजी पॉल ने बताया कि माताओं को जागरूक करना स्वास्थ्यकर्मियों की भी जिम्मेदारी है। समाज में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए ऐसे शैक्षणिक आयोजनों की आवश्यकता है। उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित सिंह और प्रशासनिक अधिकारी ललित चौहान ने स्तनपान को मां और शिशु के बीच भावनात्मक जुड़ाव की संज्ञा देते हुए इसे एक जीवन भर चलने वाला स्नेह बंधन बताया।

सांस्कृतिक प्रस्तुति बनी कार्यक्रम की आत्मा
छात्रों द्वारा प्रस्तुत नाटक, कविताएं और पोस्टर प्रदर्शनी ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। नाटक की लेखिकाएं जया यादव, मैथिली सेनगुप्ता और कृतिका बिस्वास रहीं, जबकि जाह्नवी पंजवाणी ने प्रभावशाली वाचन किया। कलाकारों ने यह दिखाया कि बोतल से दूध पिलाने की तुलना में स्तनपान अधिक सुरक्षित और आवश्यक है। मोहित गंगवार की भावुक कविता ने मां और शिशु के रिश्ते की गहराई को छूने वाला बना दिया। फज्ले आलम, अजहरुद्दीन, गोविंद पाठक और धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने नारे लगाते हुए संदेश दिया।

रचनात्मक पोस्टरों ने दिया गहरा संदेश
दिव्यांश यादव, देवयानी शंकर, गिरीराज किशोर, गृसि राना, जागृति गंगवार, केतन, खुशी बुधवार, खुशी वर्मा, कृष्णा गुप्ता, कृतिका केसरवानी, सिद्धि मोरे, मृदुल कुमार, मुकुंद पंडित और नामया आहूजा द्वारा बनाए गए पोस्टरों में मां का दूध ही सर्वोत्तम, इसका कोई विकल्प नहीं का स्पष्ट संदेश था। गौरी बत्रा और गार्गी मानी ने मंच संचालन करते हुए पूरे कार्यक्रम को संवेदनशील और शिक्षाप्रद स्वरूप दिया। आयोजन की संयोजक डॉ. विन्ध्या श्रीवास्तव ने कहा कि यह केवल सांस्कृतिक नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का प्रयास था। कार्यक्रम का समापन छात्रों द्वारा लिए गए सामूहिक संकल्प से हुआ कि वे समाज में स्तनपान को लेकर जागरूकता फैलाएंगे और मातृत्व को सम्मान देंगे।

संबंधित समाचार