यूपी में श्रमिकों को मजबूत कर रही योगी सरकार, महिला श्रमिकों की बढ़ी भागीदारी, जुटाए 12584.26 करोड़

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Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार : योगी सरकार ने श्रमिक कल्याण के लिए 12584.26 करोड़ रुपये का उपकर जुटाया है। इससे लाखों श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा मजबूत करने समेत विवाह, मातृत्व व स्वास्थ्य लाभ की योजनाएं जीवन में बदलाव का उदाहरण बन रही है। महिला श्रमिकों की भागीदारी भी तेजी से बढ़ी है।

श्रम विभाग और भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि योगी सरकार केवल घोषणाएं नहीं करती, बल्कि योजनाओं को जमीन पर उतार कर बदलाव सुनिश्चित कर रही है। इस आर्थिक व्यवस्था के केंद्र में शिक्षा, मातृत्व, विवाह, चिकित्सा और आवास जैसी योजनाएं शामिल हैं, जो सीधे श्रमिकों की जरूरतों से जुड़ी हैं और उन्हें इसका सीधा लाभ प्राप्त हो रहा है।

पंजीकरण के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2025-26 में अभी तक 48,822 नए श्रमिकों का पंजीकरण हुआ, जिनमें 25,720 महिलाएं शामिल हैं। 2024-25 में यह संख्या 1,86,380 थी, जिसमें 89,441 महिला श्रमिक थीं। बोर्ड के गठन के बाद से अब तक कुल 1.84 करोड़ से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है, जिनमें 63 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन विभाग के अनुसार, वर्ष 2024-25 के दौरान 5,57,567 श्रमिकों को बोर्ड की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला, जिस पर 710.96 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं 2025-26 में अब तक 10,221 श्रमिकों को बोर्ड की योजनाओं का लाभ मिल चुका है, जिस पर योगी सरकार ने 42.46 करोड़ रुपये व्यय किए हैं।

बोर्ड द्वारा संचालित प्रमुख योजनाओं जैसे कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत अब तक 84,891 श्रमिक बेटियों के विवाह के लिए योगी सरकार द्वारा 440 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। वहीं मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना के तहत 1,09,841 महिलाओं को 364 करोड़ रुपये की सहायता राशि दी गई है।

श्रमिक अधिष्ठान पंजीकरण की संख्या में भारी वृद्धि

बोर्ड के अधिनियम 1996 के तहत 4,28,657 अधिष्ठानों का पंजीकरण किया गया है। वर्ष 2025-26 में यह अभी तक 7572 है और 2024-25 में 47,473 नए अधिष्ठान पंजीकृत किए गए हैं। उपकर संग्रहण के अंतर्गत वर्ष 2025-26 में 193.74 करोड़ रुपये और 2024-25 में 1722 करोड़ रुपये का संग्रहण हुआ, जिससे अब तक कुल 12,584.26 करोड़ रुपये का उपकर इकट्ठा हो चुका है, जो योजनाओं के सुचारू संचालन में आधार बना है।

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