एशियाई अंडर-19 मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का शानदार प्रदर्शन, निशा और मुस्कान ने जीते स्वर्ण पदक
बैंकॉक: भारतीय युवा मुक्केबाजों ने एशियाई अंडर-19 मुक्केबाजी चैंपियनशिप में अपनी प्रतिभा का दमदार प्रदर्शन करते हुए कुल नौ पदक अपने नाम किए। इस प्रतियोगिता में निशा और मुस्कान ने स्वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया, जबकि अन्य खिलाड़ियों ने रजत और कांस्य पदक हासिल किए।
निशा और मुस्कान की स्वर्णिम सफलता
निशा (54 किग्रा) ने अपने फाइनल मुकाबले में चीन की सिरुई यांग को कड़े मुकाबले में 3-1 से परास्त किया। उन्होंने अंतिम दौर में अपनी रणनीति को और मजबूत करते हुए शानदार जीत दर्ज की। दूसरी ओर, मुस्कान (57 किग्रा) ने कजाकिस्तान की अयाझान एर्मेक को 3-2 के रोमांचक फैसले में हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। मुस्कान ने पूरे मुकाबले में आक्रामकता और तकनीक का बेहतरीन तालमेल दिखाया।
रजत और कांस्य पदक में भी भारत का दबदबा
भारत की 10 महिला मुक्केबाजों में से नौ ने पदक जीते, जिसमें दो स्वर्ण, पांच रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं। आरती कुमारी (75 किग्रा) को चीन की टोंगटोंग गु के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, जबकि कृतिका वासन (80 किग्रा) ने कजाकिस्तान की कुराले येगिनबाइकिजी के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया, लेकिन 2-3 से हार गईं। पारची टोकस (80+ किग्रा) को उज्बेकिस्तान की सोबिराखोन शाहोबिदिनोवा ने 2-3 से मात दी। विनी (60 किग्रा) और निशा (65 किग्रा) भी अपने-अपने फाइनल मुकाबलों में क्रमशः उज्बेकिस्तान की सेवारा ममातोवा और जापान की अरिंदा अकीमोटो से हारकर रजत पदक तक पहुंचीं।
पुरुष और अंडर-22 वर्ग में भी भारत की उम्मीदें
पुरुष वर्ग के फाइनल में तीन भारतीय मुक्केबाज सोमवार को स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे। इसके अलावा, अंडर-22 वर्ग में भारत ने पहले ही 13 पदक पक्के कर लिए हैं, जिनके फाइनल मुकाबले भी सोमवार को होंगे।
40 खिलाड़ियों का दल, विश्व स्तर की चुनौती
भारत ने इस महाद्वीपीय चैंपियनशिप में अंडर-19 और अंडर-22 वर्गों में कुल 40 मुक्केबाजों का दल उतारा। कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और चीन जैसे मजबूत देशों के खिलाफ भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का शानदार प्रदर्शन किया। यह उपलब्धि भारतीय मुक्केबाजी के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है।
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