चीन को ट्रम्प ने दी टैरिफ से 90 दिन की राहत... जिनपिंग के साथ दोस्ती का दावा, क्या है अमेरिकी राष्ट्रपति का प्लान?

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Published By Muskan Dixit
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वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 11 अगस्त, 2025 को एक बड़ा कदम उठाते हुए चीन के साथ व्यापारिक समझौते को 90 दिनों तक बढ़ाने का ऐलान किया। इस फैसले से विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बढ़ने का खतरा फिलहाल टल गया है। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर इसकी जानकारी साझा की और बताया कि उन्होंने टैरिफ विस्तार के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समझौते के बाकी सभी पहलू अपरिवर्तित रहेंगे। इसके साथ ही ट्रम्प ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपना अच्छा मित्र बताते हुए चीन के रवैये की सराहना की।

व्यापारिक तनाव में कमी

इस निर्णय से दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध की आशंका कम हुई है। पहले मंगलवार रात 12:01 बजे टैरिफ की समयसीमा समाप्त होने वाली थी, जिसके बाद अमेरिका चीनी आयात पर 30% से अधिक कर लगा सकता था। जवाब में चीन भी अमेरिकी निर्यात पर जवाबी शुल्क बढ़ा सकता था। ट्रम्प के इस कदम से दोनों पक्षों को मतभेद सुलझाने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ट्रम्प और जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है, जिससे शिखर सम्मेलन की राह खुल सकती है।

अमेरिकी कंपनियों में उत्साह

चीन के साथ व्यापार करने वाली अमेरिकी कंपनियों ने ट्रम्प के इस फैसले का स्वागत किया है। अमेरिकी-चीन व्यापार परिषद के अध्यक्ष सीन स्टीन ने इसे दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उनके मुताबिक, यह 90 दिन की राहत सरकारों को व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए समय देगी। साथ ही, इससे अमेरिकी कंपनियों को चीन में बेहतर बाजार पहुंच और दीर्घकालिक योजनाओं के लिए स्थिरता मिलने की उम्मीद है।

पहले के समझौते और भविष्य की राह

जून में दोनों देशों ने तनाव कम करने के लिए एक अहम समझौता किया था। इसके तहत अमेरिका ने कंप्यूटर चिप तकनीक और पेट्रोकेमिकल उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले ईथेन पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का फैसला किया, जबकि चीन ने अमेरिकी कंपनियों के लिए दुर्लभ मृदा खनिजों तक पहुंच आसान करने पर सहमति जताई। 

इससे पहले मई में जिनेवा में हुई एक बैठक में दोनों देशों ने भारी शुल्कों को कम करके आर्थिक संकट को टाला था। उस समय चीन पर 145% और अमेरिका पर 125% तक शुल्क लगे थे, जो बाद में क्रमशः 30% और 10% तक कम हुए। हालांकि, ये दरें अभी भी काफी ऊंची हैं। ट्रम्प का यह नया फैसला दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और बेहतर करने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

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