बाराबंकी में जल जीवन मिशन की टंकी से खेतों की सिंचाई : किसानों से वसूली, घरों तक नहीं पहुंच रहा पानी
भाकियू नेता ने सीएम से की शिकायत, जल निगम ने जांच के आदेश दिए
सोहासा गांव में अधूरी पाइपलाइन से नहीं हो सकी जलापूर्ति, सरकारी टंकी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए, किसानों से 50–75 रु. प्रति घंटा वसूली
बाराबंकी, अमृत विचार : जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार तक शुद्ध पेयजल पहुंचाना है, लेकिन बाराबंकी के बनीकोडर ब्लॉक के सोहासा गांव में यह योजना पटरी से उतर गई है। गांव में पानी की टंकी का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन पाइपलाइन अधूरी होने की वजह से आज तक किसी भी घर तक जल आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी।
🔴 टंकी से सिंचाई और वसूली
गांव में बने नलकूप और टंकी का अब पेयजल आपूर्ति की जगह खेतों की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। किसानों से 50 से 75 रुपये प्रति घंटे की दर से वसूली हो रही है। निजी नलकूप से सिंचाई पर 100 रुपये प्रति घंटा खर्च आता है, इसलिए किसान सरकारी टंकी से पानी लेना सस्ता मान रहे हैं। लेकिन यह सरकारी योजना का निजी लाभ के लिए दुरुपयोग है।
🟢 किसानों की राय
किसानों का कहना है कि निजी नलकूपों की तुलना में यह पानी सस्ता है, इसलिए वे इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि असल में यह योजना के मूल उद्देश्य के साथ छलावा है। भाकियू (धर्मेंद्र गुट) के प्रदेश प्रभारी मायाराम यादव ने इस अनियमितता पर मुख्यमंत्री से शिकायत कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जल निगम बनीकोडर के एसडीओ पी.के. मिश्रा ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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