Ganeshotsav 2025: महाराष्ट्र में 10 दिवसीय गणेशोत्सव प्रारंभ, घर-घर विराजेंगे बप्पा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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मुंबई। महाराष्ट्र में पूरे धूमधाम से दस दिवसीय गणेश उत्सव का आरंभ हो गया। इस दौरान लोग अपने अपने घरों, आवासीय परिसरों और सार्वजनिक पंडालों में अपने प्रिय भगवान की स्थापना कर उनकी पूजा अर्चना करते हैं। 

गणेश उत्सव की शुरुआत के साथ सुबह से हर ओर ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के जयघोष सुनाई देते रहे और ढोल-ताशों की धुन पर श्रद्धालु अपनी अपनी पसंद के अनुसार छोटी, मध्यम और बड़ी आकार की मूर्तियों को घर लेकर आए। भगवान गणपति को समृद्धि का अग्रदूत और विघ्नहर्ता माना जाता है, उनके स्वागत के लिए पूरे मुंबई में भव्य सजावट की गई है। 

पहली बार महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव को राज्य उत्सव घोषित किया है। इस दस दिन के उत्सव के दौरान राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा कई गतिविधियां, कार्यक्रम, समारोह और प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं। मंडलों से आग्रह किया गया है कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों जिन्हें ‘यूनेस्को’ (संयुक्त राज्य शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) द्वारा विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया है, के साथ-साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और स्वदेशी की भावना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पहल करें। 

मुंबई में गणेश मंडलों (सार्वजनिक स्थानों पर त्योहार मनाने वाले समूह) की सर्वोच्च समन्वय संस्था ‘बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति’ ने अपने सदस्यों से त्योहार के सुचारू और अनुशासित आयोजन को सुनिश्चित करने की अपील की है। समिति ने मंडलों से आगामी नगर निगम चुनाव के मद्देनजर त्योहार को गैर-राजनीतिक रखने का भी आग्रह किया है और इस बात पर जोर दिया है कि गणेशोत्सव संस्कृति और भक्ति में निहित है। 

मुंबई पुलिस के अनुसार, उसके 17,600 जवान महानगर की सड़कों पर तैनात रहेंगे। घुड़सवार पुलिस दस्ता, ड्रोन, बम निरोधक दस्ता और श्वान दस्ते भी उनकी व्यापक तैनाती का हिस्सा हैं। त्योहार के दौरान लाखों भक्त ‘लालबागचा राजा’ जैसे कुछ लोकप्रिय पंडालों में दर्शन के लिए आते हैं। 

इस क्षेत्र के अन्य प्रसिद्ध मंडलों में चिंचपोकली, गणेश गली और तेजुकाया शामिल हैं। सोने के आभूषणों से सुसज्जित भगवान गणेश की प्रतिमा के लिए मशहूर किंग्स सर्किल स्थित जीएसबी सेवा मंडल सबसे धनी मंडलों में से एक माना जाता है। राज्य के अन्य शहरों ने भी इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए इसी प्रकार की व्यवस्था की है। 

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