गर्मी को करें बाय-बाय...छतों और दीवारों पर लगाएं सुपर कूल शीट
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी का मौसम औसतन आठ माह लोगों को परेशान करता है। मार्च माह से एसी चलने शुरू हो जाते हैं और नवंबर से पहले बंद होने की नौबत नहीं आती है। अप्रैल से सितंबर माह के बीच घरों की छतें, दीवारें और पानी की टंकियां अमूमन किसी भट्ठी जैसी तपती हैं। लोगों को तरह-तरह के शीतलन उपायों का इस्तेमाल करना पड़ता है। इस कारण बिजली का बिल लोगों की हालत खराब कर देता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर (आईआईटी-के) के शोधकर्ताओं ने इसी समस्या का कूल-कूल समाधान नवाचार के जरिए प्रस्तुत किया है। उन्होंने एक विशेष तरह की नई इंसुलेशन शीट तैयार की है, जो घरों और बिल्डिंग में सूर्य के तापमान से बढ़ रही गर्मी को काफी हद तक कम करने में सक्षम है। - मनोज त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार
आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप ने बनाई ऐसी अनोखी शीट जो घर को रखेगी ठंडा
एसी का बिजली बिल नहीं बनेगा अब आफत, गर्मी से भी मिलेगी पूरी तरह राहत
12 डिग्री तकतापमान घटाने में सक्षम
यह सुपर कूल शीट घर के अंदर के तापमान को करीब 12 डिग्री सेल्सियस तक कम कर सकती है और वह भी बिना बिजली, पानी या किसी मशीनी शोर के। इस आविष्कार के साथ आईआईटी कानपुर ने देश को हरित शीतलन तकनीक में अग्रणी बना दिया है। अगर इसे व्यापक रूप से अपनाया जाए, तो यह शहरी और ग्रामीण भारत में भीषण गर्मी से निपटने के तरीके को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है, बिजली खर्च कम करके स्वच्छ, हरित भविष्य को बढ़ावा दे सकता है।
सूरज की गर्मी रिफ्लेक्ट कर थर्मल कंडक्टिविटी कम कर देती है
16.jpg)
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने इस सीट को बनाने में सिंथेटिक पॉलीमर का इस्तेमाल किया है। इसे तैयार करने में एक खास कपड़े पर पॉलीमर की कोटिंग की जाती है, जो इसे दीवार, छत या पानी की टंकी पर चिपकने में सक्षम बनाती है। यह शीट सफेद रंग की होती है, जिससे यह गर्मी को रिफ्लेक्ट करती है और थर्मल कंडक्टिविटी को कम करती है। इसमें मौजूद पॉलीमर की वजह से बाहरी हवा वहीं रुक जाती है और इसकी व्हाइट पेपर कोटिंग से सूरज की किरणें रिफ्लेक्ट हो जाती हैं।
घरों और फैक्ट्रियों में बिजली खपत में 25 से 30 प्रतिशत की कमी
इस अनोखी शीट को जिन घरों की छत और दीवारों पर लगाया गया है, उन घरों में कमरों या अन्य स्थानों का तापमान कड़ी धूप में भी बाहर की तुलना में 10 से 12 डिग्री सेल्सियस तक कम पाया गया है। इससे घरों और कारखानों में बिजली की खपत में 25 से 30 प्रतिशत की कमी देखी गई है। यह सुपर कूल शीट गर्मी की चिंता को दूर करके एक कम लागत वाला, पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करती है, जो भारत में हरित प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा संरक्षण के प्रति बढ़ते प्रयासों के अनुरूप है। इस शीट को लगाने में किसी प्रकार के फ्रेम की आवश्यकता नहीं होती है। इसे सीधे दीवार, छत या पानी की टंकी पर लगाया जा सकता है।
60 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से बाजार में कराई उपलब्ध
16.jpg)
आईआईटी की स्टार्टअप फर्म, जीआईटीटेक ने इस शीट का उत्पादन शुरू करके बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध करा दिया है। बाजार में यह शीट 60 से 65 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर पर बिक्री की जा रही है। इसके विपरीत बाजार में सामान्य शीटों की कीमत 100 से 160 रुपये प्रति वर्ग फुट के बीच है। स्टार्टअप कंपनी के सीईओ आदित्य ने बताया कि उनकी शीट की बाजार में सबसे अधिक डिमांड घरों की छत पर लगी पानी की टंकी के लिए आई है। इसकी वजह शीट लगाने के बाद भीषण गर्मी में भी पानी का नॉर्मल रहना है।
