वास्तविक पहचान छुपाकर गरबा-डान्डिया में शामिल हुए तो होगी कार्रवाई, कार्यक्रम स्थलों पर आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश की व्यवस्था 

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। वास्तविक पहचान छुपाकर गरबा-डान्डिया में शामिल होने वालों पर यूपी पुलिस की सख्त नजर है। आयोजकों ने भी ऐसे कार्यक्रम स्थलों पर आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश की व्यवस्था कर रखी है। दरअसल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में संदिग्ध व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक है, ऐसे मंं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुचिता भंग करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

इस बीच राज्य महिला आयोग ने भी प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों को एक पत्र लिखर कर इस संबध में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उप्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा है कि वर्तमान समय में नवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा एवं दीपावली जैसे बड़े पर्व पूरे प्रदेश में धूमधाम एवं श्रद्धा के साथ मनाए जा रहे हैं। 

इन अवसरों पर गरबा, डान्डिया, रासलीला जैसे विविध सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बालिकाएं एवं परिवार सम्मिलित होकर सामाजिक और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करते हैं।  आयोग को संतों एवं प्रबुद्धजनों से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि इन कार्यक्रमों में कुछ असामाजिक एवं संदिग्ध तत्व अपनी वास्तविक पहचान छिपाकर प्रवेश कर जाते हैं, जिससे आयोजनों की पवित्रता, सुरक्षा एवं गरिमा प्रभावित होती है। अतः ऐसे संदिग्ध की पहचान कर कार्रवाई की जाए।

इस बाबत महिला आयोग ने सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि ऐसे सभी कार्यक्रमों में प्रतिभागियों व उपस्थित लोगों को प्रवेश केवल वैध पहचान पत्र दिखाने के बाद ही दिया जाए। आयोग ने यह भी अपेक्षा की है कि कार्यक्रम आयोजकों, प्रशासन एवं पुलिस विभाग के बीच समन्वय स्थापित कर सुरक्षा प्रबंधों को और अधिक मजबूत किया जाए, ताकि महिलाएं एवं परिवार निश्चिंत होकर पर्वों की उल्लासपूर्ण परंपरा में भाग ले सकें।

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