हिरासत में यातना मामला जम्मू कश्मीर की अदालत ने 8 पुलिसकर्मियों की जमानत याचिका खारिज की

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Published By Deepak Mishra
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श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने दो साल पहले एक पुलिस कांस्टेबल को हिरासत में यातना देने के आरोप में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए गए आठ पुलिसकर्मियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। श्रीनगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदिल मुश्ताक अहमद ने शनिवार को जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं।

पुलिस उपाधीक्षक ऐजाज अहमद नाइक, इंस्पेक्टर रियाज अहमद मीर और अन्य आरोपी पुलिसकर्मियों - तनवीर अहमद मल्ला, अल्ताफ हुसैन भट, मोहम्मद यूनिस खान, शाकिर हुसैन खोजा, शाहनवाज अहमद दीदाद और जहांगीर अहमद बेग ने अदालत में अलग-अलग जमानत याचिकाएं दायर की थीं।

उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार किए गए आरोपी पुलिसकर्मियों ने फरवरी 2023 में संयुक्त पूछताछ केंद्र कुपवाड़ा में कांस्टेबल खुर्शीद अहमद चौहान को कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में रखने के दौरान यातना देने और गंभीर शारीरिक चोट पहुंचाने के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में जमानत का अनुरोध किया था।

न्यायाधीश ने तीनों जमानत आवेदनों पर पारित एक ही आदेश में कहा, ‘‘अदालत का मानना ​​है कि तीनों आवेदनों में से किसी में भी ऐसी कोई असाधारण परिस्थिति नहीं है जो इस स्थापित सिद्धांत से अलग हो कि हिरासत में हिंसा के गंभीर मामलों में जांच के चरण में जमानत नहीं दी जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अभियोजन पक्ष ने दृढ़तापूर्वक यह प्रदर्शित किया है कि हस्तक्षेप और धमकी को रोकने के लिए हिरासत में निगरानी आवश्यक है।’’

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