KGMU : केजीएमयू में कफ के मरीजों के लिए बनाया गया अलग क्लीनिक, जानें वजह

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

देश के पहले क्लीनिक में डॉक्टरों को केस आधारित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

लखनऊ, अमृत विचार। केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग ने कफ रोगियों के लिए एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया (एपीआई) के साथ मिलकर अलग क्लीनिक शुरू किया गया है। ये देश का पहला कफ क्लीनिक होगा। क्लीनिक के लिए स्थानीय फैमली फिजिशियन को प्रशिक्षित भी किया जाएगा, सोमवार से इसकी शुरुआत भी कर दी गई।

रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि कफ सिरप को लेकर देश भर में बवाल मचा है। ये बवाल बच्चों के कफ सिरप को लेकर है, लेकिन बड़ों के कफ सिरप को लिखने में भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि कफ क्लीनिक की पहल एक वैज्ञानिक और शैक्षणिक अभियान के तहत की गई है। इसमें देशभर में 10 कफ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत एक वर्ष में 1000 से अधिक डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। सोमवार से लखनऊ व आस-पास के 150 डॉक्टरों का प्रशिक्षित शुरू किया गया।

डॉक्टरों को बताई जाएंगी कफ सिरप की बारीकियां

डॉ. सूर्यकांत ने बताया कि कफ क्लीनिक्स का मकसद डॉक्टरों को सरल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खांसी के मूल्यांकन और इलाज में सक्षम बनाना है। यहां डॉक्टरों को केस पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें खांसी की पहचान, उसकी आवाज से निदान और लक्षणों के अनुसार उचित इलाज पर जोर रहेगा।

उन्होंने बताया कि कफ क्लीनिक में सिरप की बारीकियां समझाई जाएंगी। किन मरीजों को सिरप देना है किन्हें नहीं दिया जाना है, कफ सिरप की डोज कैसे निर्धारित करें आदि बारीकियों को सिखाया जाएगा। डॉ. सूर्यकांत ने कहा कि एक हफ्ते से खांसी आ रही है तो भाप लें। खांसी ठीक हो जाएगी। लगातार दो सप्ताह से खांसी आ रही है तो डॉक्टर की सलाह लें।

संबंधित समाचार