Short Film Festival: लखनऊ में पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने की शुरुआत, पहले दिन 10 शार्ट फिल्मों का प्रदर्शन

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार :  उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में शनिवार को लखनऊ शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल छठे सीजन की शुरुआत हो गई। शांति और सद्भाव थीम पर हो रहे इस फेस्टिवल के पहले दिन लॉस्ट इन टेलीपोर्टेशन, रिजॉल्व, चाइल्ड लेबर, घुसपैठिया कौन, वीवर वंडर्स, आजादी, ग्लो वर्म इन ए जंगल, नॉट डिलीवरड, एलओ-वी, सनफ्लावर्स वेयर द फर्स्ट वन्स टू नो और सोल कैचर समेत 10 शार्ट फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के सहयोग से एमरेन फाउंडेशन फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है। फेस्टिवल की शुरुआत पूर्व सांसद प्रो. रीता बहुगुणा जोशी, एफटीआईआई पुणे के कुलपति धीरज सिंह, एमरेन फाउंडेशन की संस्थापक रेणुका टंडन और एफटीआईआई में रणनीति एवं नवाचार प्रमुख संतोष ओझा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। रीता जोशी ने कहा कि इस तरह के आयोजन हम सभी को प्रेरणा देते हैं। एफटीआईआई के कुलपति को यहां देखना अद्भुत है, जो हमारे युवाओं को उत्कृष्ट अभिनेता और फिल्म निर्माता बनने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। 

एफटीआईआई पुणे के कुलपति धीरज सिंह ने कहा कि शॉर्ट फिल्मों को सिनेमा की शुद्ध अभिव्यक्ति के रूप में पोषित करती है। कहा कि हमें रेणुका टंडन जैसे अधिक दूरदर्शियों की आवश्यकता है, जो कला को बढ़ावा देने के लिए अपनी क्षमता का उपयोग करें। शॉर्ट फिल्में सिनेमाई सार के करीब हैं, व्यावसायिक दबावों से मुक्त हैं। कार्यक्रम निदेशक गौरव द्विवेदी ने कहा कि छठे संस्करण में हम विश्व भर से कुछ शानदार फिल्में ला रहे हैं। 

इनमें से अधिकांश फिल्में सार्वजनिक प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध नहीं हैं। एमरेन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष ऋचा वैश्य ने भी विचार रखे।अभिनेत्री और लेखिका रेनिता कपूर ने फेस्टिवल को अपनी गहन व्यक्तिगत पुस्तक रूहानी के पुराने खत के लॉन्च से सुशोभित किया। 

कथावाचक लक्ष्य माहेश्वरी ने चार सहायकों की कहानी को खूबसूरती से सुनाया। फेस्टिवल में एमरेन फाउंडेशन की उपाध्यक्ष ऋचा वैश्य, अम्बरीश टंडन, अनुष्का डालमिया, देव वर्मा, विपुल वी गौर, उषा विश्वकर्मा, दीपक विश्वकर्मा और रेड ब्रिगेड टीम, रिया अग्रवाल, विभू कौशिक, वंदना अग्रवाल, रचना टंडन, विभा अग्रवाल, श्रेया रंजन और नितीश गर्ग मौजूद रहे।

हर वर्ग को किया आकर्षित

फेस्टिवल ने युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक को आकर्षित किया। सार्वजनिक इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध न होने वाली विशेष शॉर्ट फिल्में जो एफटीआईआई, छात्रों और स्वतंत्र रचनाकारों द्वारा बनाई गईं ने ताजा सिनेमाई आवाजों की दुर्लभ झलक पेश की। देश और दुनिया भर से मिली सैकड़ों प्रविष्टियों में 20 फिल्मों को प्रदर्शन के लिए चुना गया। फिल्मों का मूल्यांकन एक प्रतिष्ठित जूरी ने किया और फेस्टिवल के दूसरे दिन सर्वश्रेष्ठ प्रविष्टियों पुरस्कृत किया जाएगा।

सिनेमाई किंवदंतियां भी

फेस्टिवल में सिनेमाई किंवदंतियों राज कपूर और गुरु दत्त को भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी शामिल की गई। एमरेन फाउंडेशन द्वारा सुंदरतापूर्वक निर्मित शॉर्ट मॉन्टेज के माध्यम से इसे प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति ने दर्शकों को सिनेमा की स्थायी शक्ति की याद दिलाई जो समाज को प्रतिबिंबित और प्रभावित करती है।

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