अमृत विचार की खबर का असर: संस्कृति विभाग में वाद्ययंत्रों की खरीद में 25 लाख की गड़बड़ी... शासन ने घटाई आवंटित धनराशि, जांच के बाद पुराने आदेश रद्द

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Published By Muskan Dixit
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संस्कृति विभाग से चयनित गांवों में खरीदे गए हैं 825 वाद्ययंत्र सेट

लखनऊ, अमृत विचार: संस्कृति विभाग से चयनित ग्राम पंचायतों के लिए 825 वाद्ययंत्र सेटों की खरीद में गड़बड़ी की जांच के बाद शासन ने पहले स्वीकृत लगभग तीन करोड़ रुपये की धनराशि में कटौती करते हुए नया आदेश जारी किया है। 2,95,11,100 रुपये की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति को रद्द करते वास्तविक व्यय के आधार पर 2,70,73,002 रुपये की स्वीकृति दी गई है।

दैनिक अमृत विचार ने सबसे पहले इस गड़बड़ी को 4 अप्रैल, 2025 को उजागर किया था। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मामले की जांच का आदेश दिया। प्राथमिक जांच में सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार और वैयक्तिक सहायक कुलदीप सिंह को निलंबित कर दिया गया था। साथ ही, शासन ने किट के वितरण और भुगतान पर रोक लगा दी थी। अब नए शासनादेश के बाद सामने आया है कि करीब 25 लाख रुपये हड़पने की तैयारी थी।

नए शासनादेश में कहा गया है कि वर्ष 2024-25 में चयनित ग्राम पंचायतों के लिए 825 वाद्ययंत्र सेट क्रय किए गए थे। इसके लिए शासनादेश संख्या 385/2024 दिनांक 27 नवंबर 2024 के तहत 2,95,11,100 रुपये की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दी गई थी। मगर खरीद प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकायत पर जांच शुरू होने से भुगतान रोक दिया गया था। अब जांच पूर्ण होने के बाद संस्कृति अनुभाग द्वारा जारी नवीन शासनादेश संख्या 323/2025 में पुराने आदेश को निरस्त करते हुए वास्तविक व्यय के आधार पर 2,70,73,002 रुपये की स्वीकृति दी गई है।

संस्कृति विभाग की संयुक्त सचिव उमा द्विवेदी की ओर से जारी शासनादेश में यह भी स्पष्ट किया है कि स्वीकृत धनराशि का उपयोग केवल वाद्ययंत्र खरीद के लिए ही किया जाएगा और किसी अन्य मद में खर्च नहीं किया जा सकेगा। साथ ही वित्तीय नियमों और नीतिगत दिशा-निर्देशों के सख्त अनुपालन के निर्देश दिए गए हैं।

12 हजार की किट 32,800 में खरीदने का था आरोप

लोक कल्याण वाद्य यंत्र योजना के तहत लोक कलाकारों को पांच वाद्ययंत्रों- हारमोनियम, तबला, घुंघरू, मजीरा और ढोलक की किट दी जानी थी। पिछले दिनों प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूर्ण होने पर 825 किट की खरीद और वितरण के निर्देश दिए गए थे। शिकायत के बाद पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के आदेश पर हुई जांच में सामने आया कि संस्कृति विभाग ने सहायक निदेशक की अध्यक्षता में एक क्रय समिति गठित की थी, जिसने बाजार मूल्य से लगभग तीन गुना अधिक दर पर खरीद की संस्तुति दी। औसतन 12 हजार की किट कुछ जगह 32,800 में खरीदी गईं, जिससे लगभग 25 लाख की गड़बड़ी उजागर हुई।

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