बिहार के किसानों के लिए नई कमाई का रास्ता... CSIR-CIMAP का 5-दिवसीय प्रशिक्षण शुरू, औषधीय-सुगंधित फसलों से लाखों की आय!
लखनऊ, अमृत विचार: कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण, बिहार के सिवान जिले के चयनित किसानों के लिए औषधीय और सगंध पौधों की खेती, प्रसंस्करण एवं विपणन तकनीकों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह प्रशिक्षण सीएसआईआर–सीमैप (केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान) में आयोजित हो रहा है, जिसमें सिवान की दो महिला किसानों सहित कुल 30 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र में एरोमा मिशन के परियोजना समन्वयक एवं मुख्य वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने प्रतिभागियों को बताया कि संस्थान लगातार नई कृषि तकनीक, पौध सामग्री और उन्नत प्रजातियां किसानों को उपलब्ध करा रहा है। जिसके परिणामस्वरूप लाखों किसानों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि ‘यदि सभी किसान मिलकर कार्य करें, तो खस, पामारोज़ा और अन्य सगंधीय तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ निर्यात भी संभव है।’
डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने संस्थान की सेवाओं, गतिविधियों और सीएसआईआर–सीमैप द्वारा विकसित हर्बल उत्पादों की जानकारी विस्तार से दी। इसके बाद डॉ. राकेश कुमार ने मिंट उत्पादन की उन्नत तकनीक साझा की, जबकि डॉ. राम सुरेश शर्मा ने खस की उन्नत कृषि विधियां बताईं। डॉ. ऋषिकेश एन. भिसे ने कालमेघ की आधुनिक खेती पर जानकारी दी, वहीं डॉ. रमेश कुमार श्रीवास्तव ने सगंध गुलाब के उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं को प्रतिभागियों से साझा किया।
