UP: रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले में शामिल आरोपी जंग बहादुर उर्फ बाबा रिहा
बरेली, अमृत विचार। हाईकोर्ट के आदेश पर रामपुर के सीआरपीएफ कैंप पर वर्ष 2007 में हुए हमले के आरोप से बरी हुए जंग बहादुर खान उर्फ बाबा को सोमवार शाम सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। जंगबहादुर अपने परिजनों के साथ घर के लिए रवाना हुआ। जबकि, उसके साथ सजा काट रहे आतंकी मुहम्मद शरीफ को जुर्माना की धनराशि जमा न करने के कारण अभी भी जेल में रहना होगा। जुर्माने के 20 हजार रुपये जमा होने के बाद उसे भी जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर साल 2007 में आतंकी हमला हुआ था। इसमें सात जवान शहीद हो गए थे। जबकि, गेट पर मौजूद एक रिक्शा चालक की भी मौत हुई थी। वहीं, पांच अन्य लोग घायल हुए थे। आतंकवादियों ने कैंप पर गोलीबारी के साथ ग्रेनेड फेंक कर भी हमला किया था। आतंकी हमले में वर्ष 2019 में रामपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने रामपुर निवासी मोहम्मद शरीफ, बिहार के सबाउद्दीन उर्फ सहाबुद्दीन, कश्मीर के इमरान शहजाद और पाकिस्तान के मोहम्मद फारूख को मौत की सजा सुनाई थी। जबकि, मुरादाबाद के जंग बहादुर खान उर्फ बाबा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
मोहम्मद कौसर और गुलाब खान को बरी कर दिया गया था। इस आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता लश्कर का आतंकी सैफुल्लाह 18 मई को पाकिस्तान में मारा जा चुका है। बाकी के सभी आरोपी फरवरी 2008 से जेल में ही बंद थे। इसमें से जंगबहादुर व मुहम्मद शरीफ को बरेली सेंट्रल जेल भेजा गया था। बाकी के सभी दोषियों को लखनऊ जेल में बंद किया गया था। इसी साल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को निचली अदालत के सुनाए गए फैसले को पलट दिया। दोषियों की मौत और उम्रकैद की सजा रद्द कर दी थी, लेकिन शस्त्र अधिनियम की धारा 25 में 10 साल की कैद व प्रत्येक को एक लाख रुपये जुर्माने की सजा बरकरार रखी थी।
कोर्ट ने सजा को जेल में बंद रहे दिनों से समायोजित करने का निर्णय दिया था। इसके हिसाब से दोषियों को अब रिहा होना था। सेंट्रल जेल में ई-मेल के माध्यम से शनिवार को परवाना भेजा गया। सेंट्रल जेल के जेलर नीरज कुमार ने बताया कि सोमवार की शाम को जंग बहादुर खान उर्फ बाबा को रिहा किया गया है। मुहम्मद शरीफ की जुर्माना राशि जमा होने के बाद उसे भी रिहा किया जाएगा।
