नफासत का शहर बन रहा दहशतगर्दों का ठिकाना... 20 वर्षों में हो चुकी है आठ आतंकी घटनाएं, ढेर हो चुके है कई आतंकी

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Published By Muskan Dixit
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एटीएस ने कई आईएसआई एजेंट व आतंकियों के खिलाफ की है कार्रवाई

लखनऊ, अमृत विचार: नफासत व मेहमान नवाजी के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाला अदब का शहर लखनऊ अब दहशतगर्दों का नया ठिकाना बनती जा रही है। शहर में पिछले 20 वर्षों में आठ से अधिक आतंकी घटनाएं हो चुकी है। वहीं दर्जनों आतंकी दबोचे गये। कुछ को एटीएस ने मुठभेड़ में मार गिराया। वहीं, कुछ स्थानों पर एसटीएफ ने खालिस्तान समर्थक आतंकियों को ढेर किया है। इन आतंकियों ने राजधानी को सुरक्षित ठिकाना बनाकर आसपास के जिलों में स्थित धार्मिक स्थालों को निशाना बनाने का प्रयास भी किया है।

काकोरी स्थित हाजी कालोनी में आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने आठ मार्च 2017 को आईएसआई से जुड़े आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था। कानपुर का निवासी सैफुल्ला यहां किराये के मकान में अपना ठिकाना बनाए था। उसके कमरे से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ था। बाद में एटीएस ने प्रदेश में सक्रिय उसके कई साथियों को भी दबोचा था। इसी तरह 12 अगस्त, 2008 को एसटीएफ ने जमात-उल-मुजाहिद्दीन के आतंकी मु. मसरूर को लखनऊ से गिरफ्तार किया था। मसरूर यहां चारबाग स्थित रेलवे क्वार्टर में छिपकर रहता था और लालबाग स्थित शीशे के शोरूम में नाम बदलकर काम कर रहा था। एटीएस ने एक आतंकी संगठन को असलहे सप्लाई करने के आरोप में माडल हाउस निवासी इजहार खान को पकड़ा था। तब पुलिस ने आरोपित इजहार के कैसरबाग व अमीनाबाद क्षेत्र के निवासी एक दर्जन साथियों व मददगारों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया था।

सिमी के सक्रिय सदस्य को दबोचा

एटीएस ने सितंबर 2007 में सिमी के सक्रिय सदस्य शहबाज अहमद को मौलवीगंज से गिरफ्तार किया। वह इलाके में एक एजेंसी का संचालन करता था। आरोपी शहबाज का नाम जयपुर में हुए बम धमाके में सामने आया था। वर्ष 2006 में कैंट क्षेत्र में पकड़ा गया आईएसआई एजेंट लारेब खान यहां आइटी चौराहे के पास एक प्लेसमेंट एजेंसी का संचालन कर रहा था। कई वर्षों में लखनऊ से कई आईएसआई एजेंट व आतंकी पकड़े जा चुके हैं। बड़ी आतंकी घटनाओं के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं। पर, राजधानी में आतंकी संगठनों का नेटवर्क नहीं तोड़ पा रही हैं।

पीएफआई का भी रहा बड़ा केंद्र

एनआईए, एटीएस, एसटीएफ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने कार्रवाई करते हुए पीएफआई के बड़े नेटवर्क को राजधानी में तोड़ा था। एजेंसियों ने पीएफआई सदस्य मोइद हाशमी और मुहम्मद आबिद गिरफ्तार। राठ हमीरपुर का मोईद हाशमी कैसरबाग से गिरफ्तार किया था। गुडंबा इलाके से मुहम्मद आबिद गिरफ्तार किया। आरोपियों से भड़काऊ, आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये थे। करीब सात लोग गिरफ्तार हुए हैं। कृष्णानगर से दिलशाद पकड़ा गया है। जो सीएए हिंसा में शामिल था। इसके अलावा बीकेटी के अचरामऊ से मो. फैजान, सूफियान, रेहान को दबोचा गया। सभी पीएफआई के सक्रिय सदस्य थे। जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। वहीं, 27 सितंबर 2022 को पीएफआई से मोईद हाशमी, मुहम्मद आबिद, रेहान, फैजान, सूफियान को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।

अब तक राजधानी में पकड़े गये दहशतगर्द

- 21 मई 2005: एसटीएफ ने लश्कर-ए-तोयबा के सदस्य सादात रशीद व इरफान को पकड़ा।

- 28 दिसंबर 2006: कैसरबाग में आईएसआई एजेंट अब्दुल शकूर व अदील पकड़े गए।

- 23 जून 2007: हूजी का एरिया कमांडर बाबू भाई व उसका साथी नौशाद पकड़ा गया था।

- 27 जुलाई 2007: इंडस्ट्रियल एरिया से आतंकी नूर इस्लाम की निशानदेही पर आरडीएक्स व डेटोनेटर बरामद हुए थे।

- 16 नवंबर 2007: एसटीएफ ने जैश-ए-मुहम्मद के तीन आतंकियों को पकड़ा था।

- 16 नवंबर 2009: पुलिस ने पुराने लखनऊ से पाकिस्तान के जासूस आमिर अली को पकड़ा था।

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