विश्व निमोनिया दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम: निमोनिया से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी, हर 39 सेकंड में एक बच्चे की मौत
अमृत विचार,लखनऊ : विश्व निमोनिया दिवस पर बुधवार को हॉलिस्टिक हेल्थकेयर संगठन ने जानकीपुरम में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। संगठन की अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर अर्चना श्रीवास्तव ने बताया निमोनिया फेफड़ों का गंभीर संक्रमण है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण हो सकता है। इसे रोकने में टीके महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चों में निमोनिया के मामलों को कम करने के लिए न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) और हेमोफिलस इन्फ्लुएंजी, टाइप बी वैक्सीन एवं खसरा का टीका सबसे प्रभावी प्रयासों में से एक हैं।
प्रत्येक 39 सेकंड में निमोनिया से होती है एक बच्चे की मौत
पांच साल से छोटे बच्चों को निमोनिया आसानी से घेर लेता है। कुपोषित व संक्रमण के चलते बच्चे आसानी से निमोनिया की गिरफ्त में आ सकते हैं। यूनिसेफ के अध्ययन के अनुसार हर 39 सेकंड में एक बच्चे की निमोनिया से मृत्यु हो जाती है। बच्चों को अच्छे पोषण, स्वच्छ हवा, टीकाकरण और समय पर इलाज से बचाया जा सकता हैं। यह जानकारी केजीएमयू में पल्मोनरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने बुधवार को जागरुकता कार्यक्रम में दी।
विश्व निमोनिया दिवस पर केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर विभाग में जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें डॉ. वेद ने बताया कि निमोनिया घातक संक्रमण है। इसमें बच्चे को सर्दी-जुकाम, बुखार होता है, फिर सांस फूलने लगती है और उल्टियां होती हैं। समय पर इलाज से बीमारी काबू में आ सकती है। इलाज में देरी घातक हो सकती है। उन्होंने बताया कि गंभीर मरीजों को एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन देने की जरूरत पड़ती है।
केजीएमयू रेस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में देश के 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें लगभग 24 प्रतिशत गंभीर निमोनिया की चपेट में हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 26 प्रतिशत की मृत्यु निमोनिया से हो जाती है।उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट इनफॉरमेशन सिस्टम के वर्ष 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में निमोनिया के कारण 452 मृत्यु हुईं थी। बुज़ुर्गों को भी निमोनिया का खतरा रहता है। वैश्विक स्तर पर 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में 6 से 1 मौत का कारण निमोनिया है।
निमोनिया के लक्षण
- सर्दी-जुकाम
- खांसी
- बुखार
- सांस लेने में दिक्कत
- छाती में दर्द
निमोनिया से बचाव
- टीकाकरण करवाएं
- स्वच्छता का ध्यान रखें
- पौष्टिक आहार लें
- धूम्रपान से बचें।
- बच्चे को छह माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाये।
