Bareilly: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनाए तीन बाबुओं को हाईकोर्ट से राहत...कंप्यूटर परीक्षा दोबारा कराने के आदेश

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। डीडीओ कार्यालय के तीन बाबुओं को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिली है। डीडीओ दिनेश कुमार ने दो माह पहले कंप्यूटर टेस्ट में फेल होने पर चार बाबुओं को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पद पर तैनाती के आदेश दिए थे। इनमें दो महिला लिपिकों ने ज्वाइन कर लिया था। इनमें शामिल एक महिला समेत तीन बाबू हाईकोर्ट चल गए। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश को नजीर मानते हुए तीनों को तीन महीने का मौका देकर फिर से कंप्यूटर परीक्षा कराने के आदेश दिए हैं।

डीडीओ कार्यालय की नगमा, सुनीति, पिंकी और अक्षय को कुछ साल पहले कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी मिली थी, लेकिन वे कंप्यूटर और टंकण में अपेक्षित प्रवीण नहीं थे। उन्हें एक वर्ष के भीतर कंप्यूटर में डीओईएसीसी सोसायटी की ओर से जारी सीसीसी प्रमाणपत्र या उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त किसी प्रमाणपत्र के साथ टंकण में 25 शब्द प्रति मिनट की गति अर्जित करने की शर्त पर नियुक्त किया गया था। हालांकि, वे दो बार मौका दिए जाने के बावजूद प्रति मिनट 25 शब्द नहीं लिख पाए थे। इसके बाद 24 सितंबर को डीडीओ ने चारों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए थे। 

इसमें कहा गया था कि15 दिन के अंदर यदि चारों चतुर्थ श्रेणी पद पर कार्यभार ग्रहण नहीं करते हैं तो उनकी सेवाएं स्वत: समाप्त मानी जाएंगी। इसके बाद नगमा और सुनीति चतुर्थ श्रेणी के पद पर ज्वाइन कर लिया था। इसके साथ ही सुनीति, पिंकी और अक्षय हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद डीडीओ ने स्टैंडिंग ऑफिसर इलाहाबाद हाईकोर्ट से राय मांगी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि निर्धारित 15 दिन का समय मिलने के भीतर ही हाईकोर्ट में अपील की गई, लेकिन पूर्वग्रह से ग्रसित होकर हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में इनको ज्वाइन नहीं कराया जा रहा है। डीडीओ दिनेश यादव ने बताया कि तीन लिपिक हाईकोर्ट गए थे। वहां से आए निर्णय के क्रम में चीफ स्टैंडिंग ऑफिसर इलाहाबाद हाईकोर्ट से राय ली जाएगी। उनकी राय के बाद ही इनकी नियुक्ति को लेकर अग्रिम फैसला किया जाएगा।

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