कानपुर : यातायात माह में यातायात सबसे ज्यादा चौपट, जाम में जकड़ा शहर, लेकिन कागजों में सब कुछ ठीक
कानपुर, अमृत विचार। यातायात विभाग द्वारा नवंबर महीने को यातायात माह के तौर पर मनाया जा रहा है लेकिन ये यातायात माह कागजों में दौड़ रहा है क्योंकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। कोई ठोस रणनीति नहीं बनाए जाने से पूरा शहर जाम में जकड़ा हुआ है।
बीते 3 नवंबर को ट्रैफिक लाइन में पुलिस कमिश्नर ने इस माह की शुरुआत की थी जिसमें ट्रैफिक के अधिकारियों ने बड़े बडे़ वादे किये थे। जागरुकता रैली भी निकली, स्कूलों में जागरुक भी करने की सूचनाएं मिल रही हैं लेकिन शहर में कहां किस चौराहे पर कितने बजे कितना जाम लग रहा है, इसकी जानकारी ट्रैफिक विभाग को नहीं है।
स्थिति ये है कि जीटी रोड, एक्सप्रेस रोड, कालपी रोड, भौंती हाईवे जाम से कराह रहा है। सच्चाई ये है कि शहर के कई ऐसे व्यस्तम चौराहे हैं, वहां यदि इलाकाई पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था नहीं संभाले तो शायद शहर में निकलना दूभर हो जाए।
शहर के फुटपाथों पर लगती बाजारें
शहर के सभी चौराहों, प्रमुख मार्गों पर पूरे फुटपाथ पर अतिक्रमण हैं, दुकानें लगी रहती हैं, कई स्थान पर आधी सड़क बंद करके वहीं बाजार लगती है। इसके लिए यातायात विभाग को नगर निगम से सहयोग करना होगा।
टेंपो, ऑटो, ई रिक्शा चालक अचानक लगाते ब्रेक
शहरभर में कोई स्टापेज नहीं होने के कारण कदम कदम पर टेंपो, ऑटो, ई रिक्शा वाले सवारी उतारते और बिठाते हैं। ऐसे में सवारी दिखते ही टेंपो, ऑटो, ई रिक्शा चालक अचानक ब्रेक मार देते हैं। पीछे जाम लगता रहता है, लोग हार्न बजाते रहते हैं लेकिन सवारी के आगे टेंपो, ऑटो, ई रिक्शा चालक को कुछ दिखाई नहीं देता है, शहर में स्टापेज पर ही सवारी उतारने बिठाने की व्यवस्था होना चाहिए। इसके लिए यातायात की टीम को भी भूमिका निभाना चाहिए।
किस रुट पर कितने बजे कितना ट्रैफिक लोड
अपने कानपुर में आधी से अधिक आबादी कानपुर दक्षिण में निवास करती है लेकिन सारा कारोबार, कार्यालय, हॉस्पिटल, कचेहरी, स्कूल, कालेज सब उत्तरी क्षेत्र में ही हैं। ऐसे में सुबह दक्षिण की ओर से उत्तर की ओर लाखों लोग आते हैं और शाम को उत्तर से दक्षिण की ओर लाखों लोग जाते हैं जिसके लिए ट्रैफिक विभाग को ये देखना होगा कि किस रुट पर कितने बजे, कितना ट्रैफिक लोड है।
खराब सड़कों पर रेंगता रहता यातायात
शहर के कई प्रमुख चौराहों और उसके आसपास सड़कें खराब हैं जिससे ट्रैफिक रेंगता रहता है, घंटों जाम लगता है, ऐसे में यातायात विभाग को इसके लिए प्रयास करना चाहिए कि खराब सड़क किस विभाग की है और उसे कैसे ठीक किया जा सकता है।
