कृषि क्षेत्र से एक ट्रिलियन यूएस डॉलर के योगदान का रोडमैप तैयार... कृषि मंत्री ने रखी बेस्ट प्रेक्टिस एवं विजन डॉक्यूमेंटेशन गोष्ठी में विकास की रूपरेखा
तकनीक, प्रबंधन और नवाचार से बदलेगा यूपी की कृषि का भविष्य, कृषि विशेषज्ञों ने गोष्ठी में रखे सुझाव
लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2047 तक छह ट्रिलियन यूएस डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें कृषि क्षेत्र से एक ट्रिलियन यूएस डॉलर के योगदान का रोडमैप तैयार है। विजन डॉक्यूमेंट 2047 को साधने के लिए 22 उद्देश्य रखे गए हैं।
इन उद्देश्यों के तहत कृषि में एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी प्राप्त करना, कृषि में विविधिकरण करना, मृदा स्वास्थ्य को बढ़ावा देना कृषि में मशीनरी को बढ़ावा देना, अच्छे बीज को समय पर उपलब्ध करवाना, किसानों की आमदनी को तीन गुना बढ़ाना, स्मार्ट क्रॉप डायवर्सिफिकेशन करना, कृषि वानिकी, फसल बीमा अच्छादन बढ़ाना, कृषि में इनोवेशन को बढ़ावा देना, सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना, किसानों तथा कर्मचारियों की ट्रेनिंग और कैपेसिटी बिल्डिंग, जलवायु अनुकूलन प्रबंधन आदि शामिल हैं।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ के मरकरी ऑडिटोरियम में विकसित उत्तर प्रदेश-2047 के अंतर्गत बेस्ट प्रेक्टिस एवं विजन डॉक्यूमेंटेशन पर आयोजित विचार मंथन गोष्ठी में प्रतिभाग किया। इसमें कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसान शामिल हुए हैं, जिन्होंने बदलते कृषि परिदृश्य और भावी आवश्यकताओं पर विचार रखे।
हरियाणा, पंजाब के मुकाबले प्रोडक्टिविटी आगे बढ़ाने की आवश्यकता
प्रमुख सचिव नियोजन आलोक के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की एक ट्रिलियन डॉलर इकोनामी के लिए सभी सेक्टर को मिलकर कार्य करना होगा। कृषि में प्रोसेसिंग व एक्सपोर्ट से एक ट्रिलियन इकोनामी मिल सकती है। साथ ही हमें हरियाणा तथा पंजाब से प्रोडक्टिविटी में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
वर्ष 2047 तक उत्तर प्रदेश नवाचार और तकनीक को शामिल कर कृषि क्षेत्र में नये कीर्तिमान स्थापित करेगा।
- बलदेव सिंह औलख, कृषि राज्य मंत्री
भारत की ग्रोथ 5 प्रतिशत है जबकि यूपी की ग्रोथ 5.5 प्रतिशत है यहां 09 करोड़ किसान कृषि पर निर्भर हैं जिनमें अधिकतर किसान महिलाएं हैं इसलिए जेंडर फ्रेंडली इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है।
- डॉ. राका सक्सेना, नीति आयोग की सलाहकार
मक्का का इथेनॉल बनाने में उपयोग होने के कारण भारत की निर्भरता पेट्रोल पर कम हुई है।
- डॉ. एचएस जाट, निदेशक मक्का
आय बढ़ाने के लिए किसानों को ग्रीष्मकालीन सब्जी, बागवानी फसलों जैसे आम, अमरूद, ड्रैगन फ्रूट इत्यादि उगाने पर भी जोड़ देना चाहिए।
- डॉ. संजय अरोड़ा, सीएसएसआरआई, लखनऊ
