भारत को दवा निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी तैयारी! ललितपुर में मेगा फार्मा पार्क, नोएडा में मेडिकल डिवाइस हब तैयार

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Published By Muskan Dixit
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पेरिस के डेसकार्टेस विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सर्ज मिगनानी 

लखनऊ, अमृत विचार: दवा निर्माण के क्षेत्र में अब अंतरविषयी अध्ययन को बढ़ावा देने की जरूरत है। इससे बीमारियों की पहचान और उनके उपचार के लिए बेहतर केमिकल चयन, उसकी सिंथेसिस और नई दवाओं के विकास में मजबूती मिलेगी। युवा फार्मासिस्ट मिलकर प्रयोगात्मक कार्य करें और नई व किफायती दवाएं विकसित करें। पेरिस के डेसकार्टेस विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सर्ज मिगनानी ने सोमवार को ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में ये विचार व्यक्त किए।

विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में ड्रग डिस्कवरी, डेवलपमेंट और ड्रग डिलीवरी पर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। सम्मेलन में देश के 15 शहरों के 29 कॉलेजों सहित पांच से अधिक देशों के 300 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। बीडीए बरेली के उपाध्यक्ष ए. मनीकंदन ने सस्ती और प्रभावी दवाओं की खोज पर जोर दिया। लाइफकेयर इनोवेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. जे.एन. वर्मा ने कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए नई तकनीकों की खोज जरूरी है।

मुख्यमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी.एन. सिंह ने बताया कि दवा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ललितपुर के पास लगभग 5 हजार एकड़ में फार्मा पार्क का निर्माण करा रही है। वहीं नोएडा में मेडिकल डिवाइस निर्माण के लिए 350 एकड़ में कंपनियों को स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने बेहतर क्लिनिकल ट्रायल के लिए अकादमिक और उद्योग जगत के बीच मजबूत समन्वय पर बल दिया।

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