उत्तर प्रदेश में 8.66 करोड़ वोटर्स के गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा, डुप्लीकेट मतदाताओं पर शिकंजा
लखनऊ, अमृत विचार: भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सभी मंडलायुक्त व जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण कार्यक्रम के प्रगति की समीक्षा की गयी। आयोग ने प्रदेश में डिजिटाइजेशन के कार्य में बीते दो दिनों में हुई प्रगति की सराहना की और कार्यों को समयबद्ध रुप से पूरा करने के लिए और तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि एसआईआर के दौरान गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन एवं संग्रह के कार्य में लगे कार्मिक पूरी निष्ठा एवं मेहनत के साथ पूरा कर रहे है। प्रदेश में अब तक 8.66 करोड़ (लगभग 56 प्रतिशत) मतदाताओं के गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा किया जा चुका है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया कि गणना प्रपत्र संग्रह करने की अंतिम तिथि नजदीक आ रही है, शेष बचे हुए मतदाताओं से यथाशीघ्र गणना प्रपत्र संग्रह कराया जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में गणना प्रपत्रों के संग्रह में तेजी लाएं, जिन बूथों पर प्रगति अपेक्षाकृत कम है, वहां बीएलओ को प्रोत्साहित करते हुए अतिरिक्त दक्ष कार्मिकों की सहायता ली जाए। मतदाताओं से गणना प्रपत्र भरवाकर वापस लेने के लिए बीएलओ घर-घर जाए। साथ ही मृत, शिफ्टेड, अनट्रेस्ड, डुप्लीकेट मतदाताओं को अतिशीघ्र चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि पात्र मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो तथा मृत, शिफ्टेड, अनट्रेस्ड, डुप्लीकेट मतदाताओं का नाम सूची में शामिल न होने पाए, इसके लिए पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरते।
