कल्कि महोत्सव : जगदगुरु रामभद्राचार्य बोले, भारत जल्द बनेगा हिंदू राष्ट्र

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Published By Monis Khan
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संभल, अमृत विचार। संभल के ऐंचोड़ा कंबोह में आयोजित कल्कि महोत्सव में श्री कल्कि कथा वाचन के लिए पहुंचे जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि बहुत जल्द भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा, इसके लिए संसद में 370 रामभक्तों की आवश्यकता है। उन्होंने जातीय आधार पर दिए जा रहे आरक्षण को समाप्त कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने का समर्थन किया।

कल्कि धाम में पत्रकारों से बातचीत में जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने राममंदिर के ध्वजारोहण के मुहूर्त को पूर्णतः सही बताया और नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने की भविष्यवाणी की। धर्माचार्यों को संस्कृत का ज्ञान अनिवार्य बताया। संभल के भविष्य को लेकर दावा किया कि संभल में भगवान कल्कि का अवतार होना है। संभल का महत्व आने वाले समय में अयोध्या, मथुरा और चित्रकूट जैसा होगा। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मस्जिदों में मंदिर खोजे जाने के बयान पर उन्होंने कहा कि धर्माचार्यों की बातों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि हमारे एक करोड़ मंदिर तोड़े गए और जब तक वे वापस नहीं मिल जाते, हम विश्राम नहीं करेंगे।

सनातन धर्म को एकजुट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बहुत जल्द सनातन समाज एकजुट होगा। आज देश सही राह पर आगे बढ़ रहा है। भारत देश हिंदू राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज को सहयोग देना होगा। पश्चिमी यूपी में जनसांख्यिकीय बदलाव और हिंदुओं के पलायन के सवाल पर रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि हालात सभी के सामने हैं। संभल में हम कितने प्रतिशत हैं, यह आप स्वयं जानते हैं।

वाइफ वाली संस्कृति में महिलाओं का अपमान,हमारी संस्कृति में सम्मान
रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि मैं जगतगुरु भी ही हूं एक धर्माचार्य हूं। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो ऋग्वेद से लेकर हनुमान चालीसा पर यंत्र सम्पूर्ण वांग्मय पर आधिकारिक वक्तव्य देने में समर्थ है। वाइफ कहकर मैंने निंदा नहीं की थी केवल यह बताया था कि विदेशी संस्कृति में महिलाओं की निंदा है और हमारी संस्कृति महिलाओं का सम्मान है। विदेशी संस्कृति में कहीं बेबी है, कहीं बीवी है केवल भारतीय संस्कृति में महिला न बेबी है न बीबी है वह केवल देवी है तो मैं क्या अनुचित किया था। केवल मेरी प्रतिभा को धूमिल करने के लिए कतिपय भारत में अभी भी जयचंद के अंश अवतार मेरी निंदा करते हैं उन्हें करने दीजिए।

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