कानपुर : बुजुर्ग मां के सामने बेटे की पीट-पीटकर हत्या, पीड़िता बोला- साहब हमें शव नहीं ले जाना, पैसे नहीं हैं

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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कानपुर, अमृत विचार। चकेरी में बुजुर्ग मां के सामने बेटे को खींचकर पड़ोसी ने लाठियों से पीटा और बेदम अवस्था में छोड़कर भाग निकला। उठने-बैठने को लाचार मां चींखती रही। आरोपी के जाने पर किसी तरह सड़क से उठाकर बेटे को कमरे में लाई। पैसों के अभाव में इलाज भी नहीं करा सकी। 

पिटाई से युवक रातभर कराहता रहा। हाथ-पैर फूल गए। अगले दिन तड़पते हुए देर शाम को दम तोड़ दिया। किसी तरह पैदल थाने पहुंची मां ने पुलिस से मारपीट की शिकायत की, सूचना पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम भेजा व जांच शुरू की है। 
 
मूलरूप से बिहार दरभंगा के नेहरा गांव निवासी संतोष कुमार चौधरी की पत्नी माधुरी व दो बेटे हैं। जिसमें एक बेटा 27 वर्षीय भरत कुमार चकेरी के टटियन झनाका मोहल्ले में किराए पर मां के साथ रहता था, जबकि दूसरा रोहित मथुरा में नौकरी करता है। बुजुर्ग माधुरी के अनुसार भरत मजदूरी करता था और वह मांगकर गुजारा करती हैं। 

उन्होंने बताया कि रविवार रात करीब 11 बजे भरत बाहर से आया और दरवाजा खुलवाने के लिए उन्हें आवाज दे रहा था। कई बार उसने दरवाजा भी पीटा। आवाज सुनकर पड़ोसी कमरे से निकले और उसे गालियां देने लगे। विरोध पर बेटे को खींचकर लाठी से जमकर पीटा। भरत के बेदम होने पर उसे सड़क पर छोड़कर चले गए।

 वह बेटे की मदद के लिए पहुंची, लेकिन उठा नहीं सकी। कुछ देर बाद खुद ही जमीन पर घिसटते हुए कमरे तक आया। रातभर उसने कराहते हुए गुजारी। सुबह अस्पताल ले जाने के लिए उनके पास सिर्फ 100 रुपये थे। पिटाई से बेटे के हाथ-पैर फूल गए थे, इसलिए वह हित भी नहीं पा रहा था। पैसों के अभाव में इलाज भी नहीं हो पाया, किसी से मदद भी नहीं मिली। 

और दूसरे दिन शाम करीब छह बजे भरत की मौत हो गई। वृद्धा माधुरी के अनुसार उन्होंने थाने पहुंचकर पुलिस से मारपीट की शिकायत की। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद शव पोस्टमार्टम भिजवाया। माधुरी ने बताया कि वह बेटे की पिटाई करने वाले का नाम नहीं जानती, लेकिन एक घर छोड़कर उसका मकान है। यह जानकारी पुलिस को दी है। 

साहब हमें शव नहीं ले जाना, पैसे नहीं हैं
बुजुर्ग माधुरी पोस्टमार्टम हाउस पर बिलखती रहीं, लेकिन जब पुलिस ने शव ले जाने के लिए पूछा तो कहा कि हमें नहीं ले जाना। हमारे पास पैसे नहीं है। अंतिम संस्कार से पहले शव वाहन के लिए भी पैसे नहीं हैं। इसलिए बेटे का इलाज भी नहीं करा पाए। इस पर पुलिस ने मदद की और पोस्टमार्टम पर लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कराने वालों से ही शव दफनवा दिया। 

जोर-जोर चिल्लाने पर बेटे को पीटा 
भरत की मां माधुरी ने बताया कि बेटा रविवार रात शराब पीकर आया था। इसलिए उसने दरवाजा जोर से खटखटाया और आवाज भी चिल्लाकर दी। बस इसी बात पर पड़ोसी ने गालियां दी और पीटना शुरू कर दिया। पड़ोसी को पता था कि हमारी मदद के लिए कोई नहीं है। इसलिए जरा सी बात पर बेटे को पीटकर मार डाला।

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